



गाजीपुर: उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में सादात रेलवे स्टेशन पर रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) ने बुधवार को टिकट दलाली के आरोप में संजय यादव (38) को रंगेहाथ गिरफ्तार किया। मुखबिर की सूचना पर आरपीएफ की अपराध सूचना शाखा, वाराणसी और आरपीएफ पोस्ट, औड़िहार की संयुक्त टीम ने कार्रवाई की। जानकारी के मुताबिक आरोपी बीडीसी का चुनाव भी जीत चुका है।



तलाशी में संजय के पास से दो आरक्षित रेल टिकट बरामद हुए, जिनमें एक एसी श्रेणी का मऊ से एलटीटी का तत्काल टिकट (पीएनआर 2564132001, मूल्य 8500 रुपये) और दूसरा सामान्य श्रेणी का औड़िहार से गोरखपुर का टिकट (पीएनआर 2435900249, मूल्य 145 रुपये) शामिल था। संजय ने स्वीकार किया कि वह टिकट बनवाकर जरूरतमंद यात्रियों को 1000 से 1200 रुपये तक अतिरिक्त कीमत पर बेचता था। तलाशी में उसके पास से 250 रुपये नकद और दो भरे हुए आरक्षण फॉर्म भी मिले।
आरपीएफ के अनुसार, संजय, जो पूर्व में क्षेत्र पंचायत सदस्य रह चुका है, स्थानीय टिकट क्लर्क की मिलीभगत से यह अवैध धंधा चला रहा था। आसपास के गांवों में कई अन्य लोग भी टिकट की कालाबाजारी में शामिल हैं, जो आरक्षण कतार में डरा-धमकाकर यात्रियों को लूटते हैं। रेलवे प्रशासन इस नेटवर्क को तोड़ने के लिए सख्त कदम उठा रहा है। संजय के खिलाफ रेल अधिनियम की धारा 143 के तहत मुकदमा (अपराध संख्या 245/25) दर्ज किया गया है, और जांच जारी है।
रेलवे रिजर्वेशन में दलालों का नेटवर्क लंबे समय से एक गंभीर समस्या बना हुआ है। ये दलाल ऑनलाइन बुकिंग सिस्टम का दुरुपयोग कर टिकटों की कालाबाजारी करते हैं। या तो फिर यह रिजर्वेशन काउंटर के स्टाफ के साथ मिलकर टिकटों की कालाबाजारी करते हैं। ये फर्जी आईडी या सॉफ्टवेयर का उपयोग करके टिकट बुक करते हैं और फिर जरूरतमंद यात्रियों को अधिक कीमत पर बेचते हैं। ऐसे नेटवर्क में अक्सर स्थानीय स्तर पर दलाल, टिकट काउंटर कर्मचारी, और साइबर अपराधी शामिल होते हैं, जो संगठित रूप से काम करते हैं।