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यूपी में फर्जी मार्कशीट की सबसे बड़ी दुकान; 4 साल में 8000 डिग्रियां बेचीं, रेट- 2.5 लाख, कॉलेज जाना न यूनिवर्सिटी

आगरा : जिले में ऑन डिमांड हाईस्कूल, इंटर, ग्रेजुएशन और अन्य प्रोफेशनल कोर्स की फर्जी मार्कशीट और डिग्री बनाने का खेल चल रहा था. यूपी एसटीएफ की आगरा यूनिट ने गुरुवार को ऑन डिमांड फर्जी मार्कशीट बनाने वाले सरगना को दबोचा है. टीम ने आरोपी के कब्जे से बड़ी संख्या में अलग-अलग शिक्षक संस्थान और कॉलेजों की फर्जी मार्कशीट व ब्लैंक मार्कशीट बरामद की है.

करीब 8000 से ज्यादा फर्जी मार्कशीट : स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) का दावा है कि आरोपी अब तक देश की अलग-अलग यूनिवर्सिटी की मार्कशीट व डिग्री बनाकर ढाई लाख रुपये में दे देता था. चार साल में करीब 8000 से ज्यादा फर्जी मार्कशीट बनाकर बेच चुका है. आरोपी से पूछताछ में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं. आरोपी के खिलाफ शाहगंज थाना में मुकदमा दर्ज कराया गया है.

इन संस्थान की मिली मार्कशीट व प्रमाण
– ईस्टरन इंस्टीट्यूट सिक्किम.
– जेएस कॉलेज फिरोजाबाद.
– मानव भारती यूनिवर्सिटी, सोलन
– तिलक महाजी यूनिवर्सिटी, भागलपुर
– राष्ट्रीय कंप्यूटर शिक्षा मिशन
– ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा
– सीएमजे मेघालय यूनिवर्सिटी
– जोधपुर राष्ट्रीय विश्वविद्यालय
– सुभारती यूनिवर्सिटी, मेरठ
– अग्रवन यूनिवर्सिटी, आगरा
– जयपुर नेशनल विश्वविद्यालय
– मंगलायतन यूनिवर्सिटी, अलीगढ़
– महाराजा अग्रसेन हिमालयन गढ़वाल यूनिवर्सिटी, उत्तराखंड
– मोनद यूनिवर्सिटी, हापुड़
– कैपिटल यूनिवर्सिटी, झारखंड

एक दुकान से पकड़ा गया आरोपी : एसटीएफ की आगरा यूनिट में प्रभारी निरीक्षक हुकुम सिंह ने बताया कि लगातार फर्जी मार्कशीट बनाए जाने की शिकायत मिल रही थी. जिसकी टीम छानबीन कर रही थी. टीम को सूचना मिली कि शाहगंज थाना क्षेत्र में अर्जुन नगर गेट के पास एक व्यक्ति नकली मार्कशीट बनाने का काम करता है, जिस पर एसटीएफ टीम ने छापा मारा.

उन्होंने बताया कि मार्केट में एक दुकान से धनेश मिश्रा को हिरासत में लिया गया है. उससे पूछताछ की और दुकान की तलाशी में बड़ी मात्रा में फर्जी मार्कशीट मिली हैं, जो हाईस्कूल, इंटर, ग्रेजुएशन और अन्य प्रोफेशनल कोर्स की हैं. इसके साथ ही बडी संख्या में अलग-अलग यूनिवर्सिटी की ब्लैंक मार्कशीट भी मिली हैं.

प्रभारी निरीक्षक ने बताया कि आरोपी धनेश मिश्रा से पूछताछ की गई है. जिसमें उसने खुलासा किया है कि चार साल से फर्जी मार्कशीट बनाने का काम कर रहा है. देशभर की अधिकांश प्राइवेट यूनिवर्सिटी की फर्जी मार्कशीट बनाकर बेचता है. अभी तक करीब 8 हजार फर्जी मार्कशीट से अधिक मार्कशीट बेच चुका हूं.

एसटीएफ को मिलीं 1046 मार्कशीटें : प्रभारी निरीक्षक ने बताया कि आरोपी धनेश मिश्रा के पास से 1046 मार्कशीट मिली हैं. जिसमें 942 फर्जी मार्कशीट हैं. इसके बाद बाकी मार्कशीट खाली हैं. उन्होंने बताया कि आरोपी ने खुलासा किया है कि चार यूनिवर्सिटी से टाईअप था. आगरा से स्टूडेंट के फार्म भरवाता था.

जैसी डिग्री और डिप्लोमा, वैसा ही मार्कशीट का दाम : प्रभारी निरीक्षक ने बताया कि पूछताछ में आरोपी धनेश मिश्रा ने कई चौंकाने वाली बातें बताईं हैं. आरोपी का कहना कि डिप्लोमा, डिग्री कोर्स के हिसाब से मार्कशीट और डिग्री का रेट तय था.

बी फार्मा, डी फार्मा, एमबीए की मार्कशीट और डिग्री को दो से ढाई लाख रुपये में तैयार करके देता था. इसके साथ ही बीए, बीएससी, बीकॉम, हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की फर्जी मार्कशीट बनाकर देने के लिए 20 से 50 हजार रुपये लेता था. आरोपी से मार्कशीट बनवाने वाले लोगों के साथ ही अन्य का रिकॉर्ड बरामद किया है, जिसकी जांच की जाएगी.

एसटीएफ टीम की पूछताछ में आरोपी ने बताया कि देश के अलग-अलग प्रदेश में युवाओं को उसने फर्जी मार्कशीट दी है. जिनसे करीब 300 से अधिक युवा तो अलग-अलग संस्थानों में सरकारी नौकरी कर रहे हैं. आरोपी से पूछताछ और उससे जब्त रिकॉर्ड के आधार पर एसटीएफ अब ऐसे लोगों के नाम की सूची बना रही है, जिससे उन राज्यों की पुलिस से उनके नाम और फर्जीवाड़ा से नौकरी के बारे में जानकारी दी जा सके.

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