






इसके अलावा 15 जनवरी को महाकुंभ के तीसरे दिन 40 लाख लोगों ने स्नान किया। गुरुवार को भी 30 लाख से ज्यादा लोगों ने संगम में पवित्र स्नान कर पुण्य फल की प्राप्ति की। स्नान के उपरांत श्रद्धालु प्रयागराज से श्रद्धालु श्रृंगेवरपुर, चित्रकूट, वाराणसी, मां विंध्यवासिनी धाम, नैमिषारण्य, अयोध्या भी श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। इन क्षेत्रों में पहुंचने से स्थानीय रोजगार को भी काफी बढ़ावा मिल रहा है। 13, 14 व 15 जनवरी को श्रृंगवेरपुर, चित्रकूट, वाराणसी, मां विंध्यवासिनी धाम, नैमिषारण्य व अयोध्या में दर्शन-पूजन करने पहुंचे। अयोध्या में तीन दिन में तकरीबन 10 लाख, काशी विश्वनाथ मंदिर में 7.41 लाख, विंध्यवासिनी धाम में 5 लाख व नैमिषारण्य धाम सीतापुर में एक लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने दर्शन किया।
महाकुंभ दे रहा एकता का संदेश
यह महाकुंभ पूरी दुनिया को एकता, समरसता और मानवता का बड़ा संदेश दे रहा है। न तो जाति का बंधन है और न ही संप्रदाय तथा न ही छुआछूत है। इसके अलावा यहां अन्नक्षेत्र में चल रहे भंडारों में अमीर न गरीब, सभी एक ही पंगत में भोजन प्रसाद ग्रहण करते हैं। जाति-धर्म का कोई अंतर नहीं है।
आस्था के साथ अर्थव्यवस्था भी
महाकुंभ आस्था के साथ प्रदेश और देश की अर्थव्यवस्था भी सुदृढ़ कर रहा है। धार्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा मिला है। महाकुंभ आने वाले दूसरे राज्यों व विदेश के श्रद्धालु तथा पर्यटक अयोध्या, वाराणसी, नैमिषारण्य, चित्रकूट, विंध्याचल व मथुरा भी जा रहे हैं। इससे टूर एंड ट्रेवेल्स, होटल व रेस्टोरेंट सेक्टर के साथ रेलवे व परिवहन निगम को लाभ हो रहा है। काशी विश्वनाथ में तीन दिन में पहुंचे 7.41 लाख से अधिक श्रद्धालुकाशी विश्वनाथ मंदिर में तीन दिन में 7.41 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने दर्शन किया। यहां 13 जनवरी को 2.19 लाख, 14 जनवरी को 2.31 लाख और 15 जनवरी को 2.90 लाख से अधिक दर्शन करने पहुंचे।
विंध्यवासिनी धाम में 5 लाख व नैमिषारण्य धाम में एक लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने दर्शन किया। प्रयागराज से अयोध्या पहुंच रहे श्रद्धालुरामनगरी में निरंतर श्रद्धालुओं का रेला पहुंच रहा है। जय श्रीराम के जयकारे संग अयोध्या पहुंचे श्रद्धालुओं की आस्था से पूरी नगरी राममय हो गई है। सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर जिला प्रशासन दर्शनार्थियों के लिए सारी व्यवस्थाएं उपलब्ध करा रहा है। तकरीबन 10 लाख से अधिक श्रद्धालु तीन दिन में अयोध्या पहुंचे हैं।