



संभल. उत्तर प्रदेश के संभल से समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क अब बिजली चोरी के मामले में फंस गए हैं. उनके घर से बिजली चोरी की पुष्टि होने के बाद न केवल एफआईआर दर्ज की गई है बल्कि बिजली विभाग ने करीब दो करोड़ का जुर्माना भी लगाया है. इतना ही नहीं सांसद के घर की बिजली भी काट दी गई है. हालांकि संभाल सांसद के पिता ने बिजली विभाग के अधिकारियों को धमकाया भी और कहा कि सरकार बदलते ही तुम्हारा कबाड़ा कर देंगे. बिजली विभाग के जेई संतोष त्रिपाठी को धमकाने और सरकारी कार्य में बाधा डालने के आरोप में संभल सांसद मम्लूक उर्रहमान बर्क पर भी नखासा थाने में FIR दर्ज की गई है.



दरअसल, चार दिन पहले बिजली चेकिंग के दौरान संभल सांसद जियाउर्रहमान बर्क के दीपासराय स्थित घर पर भी जांच हुई थी. बिजली विभाग ने पुराने मीटर को जब्त करते हुए नया स्मार्ट मीटर लगाया था. इसके बाद गुरुवार सुबह-सुबह भारी पुलिस फोर्स के साथ बिजली विभाग की टीम फिर सांसद के घर जांच करने पहुंची. जांच के दौरान पाया गया कि 2 किलोवाट के कनेक्शन पवार भार 16480 किलोवाट का है. जांच में यह भी पता चला कि मीटर से बइपास कर बिजली की चोरी की जा रही थी. इसके बाद जेई की तहरीर पर नखासा थाने में विद्युत् अधिनियम 2003 की धरा 135 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया.
क्या है यूपी में बिजली चोरी की सजा?
उत्तर प्रदेश में बिजली चोरी एक दंडनीय अपराध है. इसके तहत भारी जुर्माना और सजा का भी प्रावधान है. बता दें कि विद्युत् अधिनियम 2003 के तहत बिजली चोरी पकड़े जाने पर 24 घंटे के भीतर FIR दर्ज करवाना अनिवार्य है. ऐसा न करने पर संबंधित अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की जाती है. नियम के मुताबिक 10 किलोवाट से कम बिजली चोरी करने पर, पहले अपराध में चोरी की गई बिजली की रकम का कम से कम तीन गुना जुर्माना लगाया जाता है. वहीं, दूसरी बार बिजली चोरी करते पकड़े जाने कम से कम छह गुना जुर्माना लगाया जाता है. इसी तरह 10 किलोवाट से ज़्यादा बिजली चोरी करने पर, पहले अपराध में कम से कम तीन गुना जुर्माना और दूसरी बार के अपराध में कम से कम छह महीने से पांच साल तक की जेल और चोरी की गई बिजली की रकम का कम से कम छह गुना जुर्माना लगाया जाता है. इतना ही नहीं अपराधी की बिजली सप्लाई भी कम से कम तीन महीने के लिए काट दी जाती है. इसे दो साल तक बढ़ाया जा सकता है.