






बिंदौरी में नाचे बेटे और पोते, गांव ने की खुशियों में भागीदारी
एक जून को हल्दी और लग्न की रस्में हुईं। इसके बाद 5 जून को गांव में डीजे की धुन पर बिंदौरी निकाली गई। इस दौरान उनके बेटे, पोते और गांव के लोग नाचते-गाते हुए शामिल हुए। बाद में रीति-रिवाज से सात फेरे लेकर दूल्हा-दुल्हन बने रामा और जीवली ने एक-दूसरे को जीवनसाथी के रूप में स्वीकार किया। शादी के उपरांत सामूहिक भोज का आयोजन भी हुआ, जिसमें पूरे गांव ने भाग लिया।
आर्थिक संघर्षों के बीच खड़ा किया परिवार
8 बच्चों में 4 सरकारी नौकरी में, बहुएं भी कर्मठ
इस बुजुर्ग दंपति के चार बेटे और चार बेटियां हैं। सबसे बड़ा बेटा बखू खराड़ी (60) किसान है। शिवराम (57), कांतिलाल (48) और सुनीता (53) सरकारी शिक्षक हैं, जबकि अनिता (50) सरकारी नर्स हैं। पुत्र लक्ष्मण लाल (44) खेती-बाड़ी करते हैं। तीसरी बेटी जंतु की 55 वर्ष की उम्र में मृत्यु हो गई, जबकि सबसे छोटी बेटी सीता की शादी के बाद से कोई जानकारी नहीं है।