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आठवीं बार इंदौर के ठाठ… इन आठ R ने दिलाई शहर को स्वच्छता की अष्टसिद्धि

इंदौर। स्वच्छता के जिन सितारों को अपने दामन में संजोने का स्वप्न देखते-देखते देश के बड़े शहरों की आंखे पथरा गईं उन सितारों को इंदौर ने अपने आसमान पर संजो लिया है। गुरूवार को दिल्ली में जब राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने इंदौर को सुपर लीग श्रेणी में देश का सबसे स्वच्छ शहर घोषित किया तो मालवा के सिरमौर शहर इंदौर के लोगों ने कुछ यही पंक्तियां याद करते हुए बड़े गर्व से अपनी सफलता को सराहा।

स्वच्छता की दौड़ में अपने मानक ऊंचे कर इंदौर इतना आगे निकल आया है कि प्रतिस्पर्धा करने वाले शहर सशंकित ही रहते हैं कि स्पर्धा में नंबर वन तो इंदौर को ही आना है, उन्हें दूसरा-तीसरा स्थान भी मिल जाए तो बात बन जाए। सफलता की सही कसौटी उसकी निरंतरता ही होती है। स्वच्छता की अष्टसिद्धि प्राप्त करके इंदौर ने दुनिया को बता दिया कि यूं ही कोई शहर इंदौर नहीं हो जाता।

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इसके लिए दृढ़ संकल्पित होकर लगातार परिश्रम करना होता है। दुनिया के लिए यह सफलता भले ही विलक्षण हो लेकिन इंदौर के लिए ये एक पड़ाव भर है। इंदौर को अभी लंबी यात्रा तय करनी है। देश के बड़े शहरों से आगे निकलने के बाद इंदौर की नजर दुनिया पर है। स्वच्छता का धवल ध्वज विश्व पटल पर लहराने के संकल्प के साथ इंदौर फिर तैयार है नई ऊंचाइयों को छूने के लिए।

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इन आठ आर ने दिलवाई हमें अष्टसिद्धि

 

    • रिड्यूस (कम करना) : कचरे की मात्रा को कम करने के लिए हमने वेस्ट से बेस्ट की थीम पर काम किया। ग्रीन वेस्ट कम करने के लिए पैलेट बनाने की यूनिट लगाई। बेकार कपड़े से धागा बनाने की यूनिट लगने की दिशा में कदम बढ़ाया।
  • रियूज (पुनरुपयोग करना) : हमने बेकार चीजों के पुनरुपयोग पर काम किया। बेकार, भंगार वस्तुओं से आकर्षक कलाकृतियां तैयार करवाईं और उन्हें चौराहों पर सजाया।

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    • रिसाइकिल (पुनर्चक्रीकरण) : हमने रिसाइकिल को लेकर भी काम किया। सीवेज के बेकार पानी को उपचारित कर हम बगीचों को सींच रहे हैं। निर्माण कार्य में ले रहे हैं।
    • रिफ्यूज (मना करना) : ऐसे उत्पाद जो पर्यावरण को नुकसान पहुंचाते हैं, उन्हें रिफ्यूज करते हुए हमने सिंगल यूज प्लास्टिक को पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया। नगरीय सीमा में सिंगल यूज तैयार करने वाले कारखानों को सख्ती से बंद किया।
    • रिथिंक (संसाधनों के दोहन को कम करना) : इस दिशा में बड़ा कदम बढ़ाते हुए हमने इस वर्ष क्लाइमेट मिशन शुरू किया। इसके तहत नागरिकों को बगैर संसाधनों के जीवन यापन के लिए प्रेरित किया। सिर्फ दो माह में करीब पौने दो करोड़ यूनिट बिजली की बचत की।
  • रिपेयर (वस्तुओं को सुधारना) : थ्रीआर सेंटरों को अत्याधुनिक बनाया ताकि वहां आने वाली पुरानी वस्तुओं को रिपेयर कर दोबारा उपयोग योग्य बनाया जा सके।

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    • रिपर्पस (फेंकने के बजाय वस्तुएं दूसरों को देना) : शहर के प्रत्येक जोन में थ्री आर सेंटर खोला, नागरिकों को उनकी अनुपयोगी वस्तुएं सेंटर पर देने के लिए प्रेरित किया। आज हमारे पास प्रदेश का सबसे बड़ा थ्री आर सेंटर सेटअप है।
  • रिनोवेशन (नवाचार) : हमने लगातार नवाचार किए। ग्रीन वेस्ट से पैलेट, बेकार कपड़े से धागा, पुराने आइल से तेल बनाने जैसे कई नवाचार किए।

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