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मुस्लिम बाहुल्य इलाके में बुलडोजर एक्शन, महाकाल मंदिर के पास था अवैध कब्जा, प्रशासन ने 7 इमारतों को किया जमींदोज

उज्जैनः जिले के विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर के पास बेगमबाग क्षेत्र में काफी समय से अवैध अतिक्रमण था। इसके खिलाफ पुलिस प्रशासन की एक बार फिर बड़ी कार्रवाई की है। इसमें कई मकानों के जमींदोज किया गया है। शहर के महाकाल मार्ग में स्थित बैगम बाग क्षेत्र में बुधवार के दिन 7 अवैध बिल्डिंग के खिलाफ कार्रवाई की गई। सुबह जब कार्रवाई करने टीम आई तो नींद से उठकर बाहर आए लोग नजारा देख हैरान हो गए।

बुधवार के दिन अतिक्रमण के खिलाफ हुई इस कार्रवाई में किसी प्रकार का कोई विरोध प्रदर्शन देखने को नहीं मिला। यहां 19 दिन पहले भी इसी प्रकार 5 बिल्डिंग को जमीदोंज किया गया था। हालांकि तब विरोध हुआ था। लेकिन बुधवार को हुई कार्रवाई शांतिपूर्ण चली। यहां 250 से अधिक पुलिस अधिकारी और जवान तैनात किए गए थे। जिनमें आईपीएस, एडिशनल एसपी, सीएसपी, टीआई और जवान मौजूद है। वहीं करीब 250 को संख्या में प्रशासन का भी अमला भी मौजूद है। जिसमे विकास प्राधिकरण सीईएओ, एसडीएम, तहसीलदार, पटवारी , निगमकर्मी शामिल हैं।

यूडीए ने कहां की कार्रवाई

जिस जगह उज्जैन विकास प्राधिकरण (यूडीए) की बुलडोजर कार्रवाई की गई है, वह महाकाल मंदिर का पहुंच मार्ग है। इसके अलावा मुस्लिम बाहुल्य होने के कारण अति संवेदनशील क्षेत्र माना गया है। बुलडोजर कार्रवाई के दौरान दोनों और से रास्ता पूरी तरह बंद कर दिया गया था। साथ ही महाकाल मन्दिर जाने के लिए मार्ग परिवर्तित किए गए।

अवैध बिल्डिंग का क्या है मामला

दरअसल, पूरा मामला इस प्रकार है कि उज्जैन विकास प्राधिकरण ने वर्ष 1985 में बेगम बाग क्षेत्र में करीब 30 मकानों को आवासीय तौर पर 30 साल की लीज पर दिए थे। संपत्ति मालिकों ने इन बिल्डिंगों का उपयोग आवासीय तौर पर करने की बजाय पूरी तरह कमर्शियल तौर पर कर लिया, जो कि नियम विरुद्ध था। इसके साथ ही वर्ष 2014-15 में लीज भी समाप्त हो गई। इनका नवीनीकरण भी नहीं कराया गया। मकानों को लेकर उज्जैन विकास प्राधिकरण ने लगातार नोटिस दिए। वर्ष 2023-24 में उज्जैन विकास प्राधिकरण ने प्लॉट मालिकों की लीज समाप्त कर दी। जिसको लेकर प्लॉट मालिक कोर्ट पहुंचे जहां उन्हें स्टे मिल गया।

कोर्ट का स्टे हटने के बाद कार्रवाई

इन भूखंडों का अलग-अलग न्यायालय में मामला विचाराधीन है। कई प्लॉटों से कोर्ट का स्टे हट चुका है। इसके बाद 19 दिन पहले यहां 5 बिल्डिंगों को हटाया गया था। अब 7 बिल्डिंगों को हटाया जा रहा है। खास बात तो यह है कि उज्जैन विकास प्राधिकरण ने यहां 30 प्लॉट आवंटित किए थे। जिनमें प्रत्येक की साइज करीब 2400 स्क्वेयर फीट थी। जमीन मालिकों ने इनके अलग-अलग टुकड़े कर करीब 65 बिल्डिंग बना ली। 65 में से 12 बिल्डिंग को जमीदोंज किया गया है। शेष 53 को भी कानूनी प्रक्रिया के तहत तोड़ा जाएगा।

शांतिपूर्ण तरीके से हुई कार्रवाई

कार्रवाई के करीब 8 दिन पहले इन 7 अवैध बिल्डिंग धारकों को विकास प्राधिकरण की ओर से नोटिस दिया गया था। जिनकी समय सीमा कल समाप्त हो गई। सभी लोगों से बातचीत की गई और उन्हें न्यायालय प्रक्रिया के बारे में समझाया गया। इसके बाद लोगों ने स्वतः अपनी बिल्डिंग खाली करना शुरू कर दी। इसलिए यह कार्रवाई शांतिपूर्ण तरीके से चल रही है।

उज्जैन विकास प्राधिकरण सीईओ संदीप कुमार सोनी ने बताया कि कोर्ट से स्टे खारिज होने के बाद यह कार्रवाई की गई है। प्लॉट मालिकों को भूखंड आवासीय तौर पर दिए गए थे जिसे उन्होंने व्यावसायिक उपयोग किया। इसके अलावा लीज समाप्त होने के बाद लीज नवीनीकरण भी नहीं हो सका है। इसलिए यह कार्रवाई की गई।

वहीं, मामले में आईपीएस राहुल देशमुख ने बताया कि इस कार्रवाई को लेकर 250 से अधिक पुलिस जवान व अधिकारी तैनात है। लोगों को समझाइए दी गई थी इसलिए शांतिपूर्ण तरीके से सभी ने अपना सामान हटा लिया अब कार्रवाई जारी है।

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