



मसालों के बिना खाना इतना फीका हो जाएगा कि कोई खाएगा ही नहीं। मसालों के अंदर एंटी इंफ्लामेटरी, एंटीऑक्सीडेंट, एंटीबैक्टीरियल, एंटीवायरल, एंटीफंगल प्रॉपर्टीज होती हैं। लेकिन कुछ मसालों को खाने से कैंसर हो सकता है। इस खतरे को जानते हुए फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) ने इन्हें बैन कर रखा है।



भारत में बैन मसाले: FSSAI कहता है कि कुटे हुए मसालों में आर्टिफिशियल कलर, स्टार्च, चॉक पाउडर और अन्य चीजों की मिलावट हो सकती है। इनका सेवन करने से स्किन एलर्जी, लिवर डिसऑर्डर और कई स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए भारत में खुले कूटे हुए मसालों की बिक्री बैन है। मगर फिर भी गली-मोहल्ले और दुकानों पर इन्हें धड़ल्ले से बेचा जा रहा है।
अगर आपने खुले मसाले खरीद लिए हैं तो घबराने की जरूरत नहीं है। आप केवल एक गिलास पानी की मदद से इनकी शुद्धता की जांच कर सकते हैं। न्यूट्रिशनिस्ट राजमणि पटेल ने कुछ मसालों की जांच करने का आसान तरीका बताया है। जिससे काफी कुछ धांधली का पता चल जाता है।
मसालों में मिलावट का पता लगाने का तरीका
लाल मिर्च पाउडर

- एक गिलास पानी में एक चम्मच लाल मिर्च पाउडर डालें।
- अगर गिलास में लाल मिर्च पाउडर रंग छोड़ता है तो इसमें आर्टिफिशियल रंग हो सकते हैं।
- अगर यह नीचे बैठने लगता है और कम से कम रंग छोड़ता है तो यह मसाला शुद्ध है।
हल्दी पाउडर

- एक गिलास पानी के अंदर 1 चम्मच हल्दी पाउडर डालें।
- शुद्ध हल्दी नीचे बैठते हुए हल्का रंग छोड़ती है।
- जबकि आर्टिफिशियल रंग मिला हल्दी पाउडर गहरा रंग छोड़ेगा।
आटा

- एक गिलास पानी में एक चम्मच आटा डालें।
- शुद्ध आटा आराम से गिलास के तले पर बैठ जाएगा।
- अगर इसके अंदर चोकर या किसी दूसरे पदार्थ की मिलावट है तो पानी के ऊपर तैरने लगेगा।
काली मिर्च

- एक गिलास पानी के अंदर 1 चम्मच साबुत काली मिर्च डालें।
- शुद्ध काली मिर्च के दाने आराम से नीचे बैठ जाएंगे।
- अगर इसमें पपीते के बीज या खराब क्वालिटी के दाने मिलाए गए हैं तो पानी के ऊपर तैरने लगेंगे।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।