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‘भारत से हमारे रिश्ते बिगाड़ना चाहता है Pak’, रूस ने भी जमकर सुनाया; कहा- पाकिस्तान से नहीं कर रहे डील

मॉस्को। रूस ने शुक्रवार को उन फर्जी रिपोर्टों को खारिज कर दिया, जिनमें कहा गया था कि वह पाकिस्तान के साथ आर्थिक संबंधों को बढ़ा रहा है। हाल ही में पाकिस्तानी मीडिया में खबर आई थी कि मास्को और इस्लामाबाद मिलकर औद्योगिक सहयोग बढ़ाने पर काम कर रहे हैं। 

इसके तहत पाकिस्तान में नई स्टील मिलें स्थापित की जाएंगी, ताकि 1970 के दशक जैसे सहयोग को फिर से जीवित किया जा सके, जब सोवियत संघ ने पाकिस्तान स्टील मिल्स को डिजाइन और वित्तपोषित किया था। इस पर विचार करने के लिए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के विशेष सहायक हारून अख्तर खान और मास्को के प्रतिनिधि डेनिस नजरूफ के बीच 13 मई को इस्लामाबाद में एक बैठक हुई थी। 

रूस ने रिपोर्ट को खारिज कर दिया

बैठक को लेकर एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने बताया कि दोनों अधिकारियों ने सहयोग की संभावनाओं पर चर्चा की और कराची में एक स्टील मिल की स्थापना के लिए संयुक्त कार्य समूह बनाने पर सहमति व्यक्त की। हारून अख्तर ने दावा किया कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने इसकी क्षमता को पहचाना है।

इन रिपोर्टों के सामने आने के बाद चिंता के साथ ही संदेह भी पैदा हुआ, क्योंकि पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था आईएमएफ द्वारा दिए गए राहत पैकेजों पर निर्भर है। मॉस्को में सूत्रों ने इस मुद्दे पर बातचीत होने की बात स्वीकार की, लेकिन उन रिपोर्टों को खारिज कर दिया, जिनमें दावा किया गया था कि दोनों देशों के बीच मल्टीबिलियन डॉलर के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए हैं। 

पाकिस्तान पर झूठ फैलाने का लगाया आरोप

  • उन्होंने कहा कि फर्जी और मनगढ़ंत रिपोर्ट के जरिए पाकिस्तान ने भारत-रूस विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी को नुकसान पहुंचाने का एक और असफल प्रयास किया है। पाकिस्तानी मीडिया की खबरों के बारे में पूछे जाने पर एक वरिष्ठ रूसी अधिकारी ने कहा कि यह बढ़ा-चढ़ाकर पेश की गई खबर है, जिसे कोई रूस-भारत रिश्तों को बिगाड़ने के लिए फैला रहा है।
  • रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा कि उनका देश रूस-भारत-चीन (आरआईसी) प्रारूप के तहत गतिविधियों को पुनर्जीवित करने में रुचि रखता है। विदेश मंत्री ने एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में कहा कि आज की स्थिति के अनुसार, जैसा कि मैं समझता हूं, भारत और चीन के बीच सीमा पर स्थिति को सामान्य बनाने के तरीके पर सहमति बन गई है और मुझे लगता है कि इस आरआईसी तिकड़ी के पुनरुद्धार का समय आ गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि नाटो भारत को चीन के खिलाफ उकसाने का काम कर रहा है।

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