



मास्को: भारत के ऑपरेशन सिंदूर सीजफायर के बाद अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप क्रेडिट लेने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं। ट्रंप दावा कर रहे हैं कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान पर दबाव बनाकर परमाणु युद्ध से इस इलाके को बचा लिया। उन्होंने कश्मीर मुद्दे के समाधान के लिए एक तरह से ‘मध्यस्थता’ का भी ऑफर दे डाला। भारत ने कभी भी कश्मीर विवाद में तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को स्वीकार नहीं किया है। ट्रंप के इस ऑफर के बाद भारत ने ट्रंप के सीजफरायर कराने के दावे की हवा निकाल दी और यह भी कह दिया कि कश्मीर एक द्विपक्षीय मुद्दा है। पहलगाम हमले के बाद ऑपरेशन सिंदूर के दौरान जहां चीन और तुर्की पाकिस्तान के साथ खड़े रहे, वहीं अमेरिका और अन्य क्वॉड देश केवल बयान देते रहे। यही नहीं ट्रंप ने तो आतंकवाद से पीड़ित भारत को आतंकिस्तान बन चुके पाकिस्तान के बराबर दिखाने की कोशिश। इस पूरे मामले में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के गुरु कहे जाने वाले अलेक्जेंडर दुगिन ने अमेरिका समेत क्वॉड देशों को फटकार लगाई है।



दुगिन ने एक्स पर पोस्ट करके कहा, ‘क्वॉड ने असली संकट के दौरान किसी भी समय भारत की मदद नहीं की। अमेरिका ने केवल यही सलाह दी कि संघर्ष को बंद करें। क्या सहयोगी हैं।’ बता दें कि क्वॉड में अमेरिका के अलावा जापान और ऑस्ट्रेलिया भी हैं जो चीन के दादागिरी का सामना कर रहे हैं। वहीं चीन खुलकर पाकिस्तान की मदद कर रहा है। चीन ने ही पाकिस्तान को जे-10 सी फाइटर जेट और पीएल 15 हवा से हवा में मार करने वाली किलर मिसाइलें दी थीं। चीन ने पाकिस्तान को सैटेलाइट तकनीक से भी मदद पहुंचाई थी ताकि भारत के सैन्य ठिकानों पर हमला प्रभावी तरीके से किया जा सके। जापान और ऑस्ट्रेलिया ने भी भारत के समर्थन में केवल जुबानी बयान जारी किया। वहीं नाटो देश तुर्की ने पाकिस्तान को तत्काल हथियारों की आपूर्ति की। हालांकि वह इसका खंडन करता है।
Jagatbhumi Just another WordPress site
