



इस्लामाबाद: पाकिस्तान पिछले कुछ दिनों से जबर्दस्त हिंसा की चपेट में है। देश के बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा प्रांतों में सशस्त्र चरमपंथी संगठनों ने पाकिस्तानी सेना और सुरक्षाबलों के खिलाफ बड़े हमले किए हैं। इसमें इसी महीने बलूचिस्तान में ट्रेन हाईजैक की घटना प्रमुख है, जिसे अलगाववादी संगठन बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) के लड़ाकों ने अंजाम दिया था। इस बीच बीएलए ने पाकिस्तानी सेना और चीन को बलूचिस्तान से निकल जाने की धमकी दी है। चीन की सीपीईसी परियोजना को अवैध कब्जा बताया और इसे बर्बाद करने की धमकी दी है। अब पाकिस्तान में चर्चा है कि चीन अपने हितों की रक्षा के लिए बलूचिस्तान में अपनी फोर्स तैनात करने करने जा रहा है।



भारत की बताई राह पर न चलने का नतीजा
चीन की इस योजना को लेकर पाकिस्तानी यूट्यूबर सना अमजद ने वहां के लोगों से बात की है। इस दौरान अली अकबर नाम के एक पाकिस्तानी ने बताया कि आज भारत की बात साबित हो गई है। उन्होंने कहा कि भारत पहले दिन से ही सीपीईसी का विरोध कर रहा है और उसने पाकिस्तान को चेतावनी भी दी थी। भारत ने सुरक्षा चिंताओं को लेकर भी आगाह किया था, लेकिन पाकिस्तान नहीं माना और आज भुगत रहा है।
अकबर ने कहा कि पाकिस्तान ने बलूचिस्तान के ऊपर बहुत अत्याचार किया है और वो लावा धीरे-धीरे फूटकर ऊपर आ गया है। आज एक औरत (महरंग बलूच) ने पूरे पाकिस्तान में खलबली मचा दी है। जब एक बलूच औरत खड़ी होती है तो उसके पीछे सभी बलूच खड़े होते हैं। उन्होंने पाकिस्तानी सरकार को सलाह दी कि वह अभी भी जाग जाए और बलूचिस्तान के मसले को सही तरीके से हैंडल करे।
भारत करेगा बलूचों की मदद
उन्होंने कहा कि अगर पाकिस्तान ने बलूचों के खिलाफ जंग शुरू की तो आज नहीं तो कल भारत उनका साथ देगा या फिर ईरान उनके साथ आएगा। अकबर ने यह भी कहा कि पाकिस्तान ने चीन को भी धोखा दिया है। ‘हमने उनसे झूठ बोला कि सुरक्षा का कोई मसला नहीं है, हम सब संभाल लेंगे। पाकिस्तान पर भरोसा करके चीन ने भारी निवेश कर दिया, लेकिन अब उनको समझ आ गया है कि वे यहां फंस गए हैं।’ अकबर ने कहा कि बलूचिस्तान के लोग पाकिस्तान को अपना देश मानते ही नहीं हैं। बलूचिस्तान के स्कूलों में तो पाकिस्तान का राष्ट्रगान तक नहीं पढ़ाया जाता।
भारत पर क्या होगा असर?
जब उनसे भारत पर असर के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि भारत पर कोई असर नहीं होगा, क्योंकि वो बहुत आगे की सोचकर चल रहा है। इसका असर पाकिस्तान पर ही होगा। आखिर हमें चीनी फोर्स की क्या जरूरत है। चीनी फोर्स का आना पाकिस्तान के लिए बहुत बड़ी बदनामी होगी कि हमारे सुरक्षाबलों में क्षमता नहीं है। सरकार को पाकिस्तानी लोगों को ही सुरक्षा में रखना चाहिए। इससे पाकिस्तानी लोगों को रोजगार भी मिलेगा और मुल्क की इज्जत भी बनेगी।