



सुकमा: देश से माओवाद को खत्म करने के लिए और दण्डकारण्य क्षेत्र को नक्सल मुक्त करवाने के लिए प्रशासन और सरकार की ओर से लगातार काम किया जा रहा है। सुरक्षाबलों की ओर से चलाए जा रहे अभियान के साथ-साथ ज्यादा से ज्यादा माओवादियों का आत्मसमर्पण करवाने की कोशिश की जा रही है। इसी क्रम में छत्तीसगढ़ सीमा पर स्थित तेलंगाना के भद्रादी कोठागुडेम जिले में 12 माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया है। यह आत्मसमर्पण पुलिस अधीक्षक रोहित राज के समक्ष आपरेशन चैयुथा के तहत हुआ है।



बता दें कि यह तेलंगाना राज्य सरकार और पुलिस की ओर से चलाया जा रहा एक विशेष पुनर्वास अभियान है। आत्मसमर्पण करने वालों में दो डिवीजनल कमेटी, चार एरिया कमेटी, दो पार्टी, दो मिलिशिया और दो आरपीसी सदस्य शामिल हैं। पुलिस अधीक्षक रोहित राज ने बताया कि वर्ष 2025 में अब तक 294 माओवादी आत्मसमर्पण कर चुके हैं। उन्होंने सीमावर्ती गांवों के नागरिकों से माओवादी गतिविधियों की सूचना देने की अपील की।
रैंक के आधार पर आर्थिक सहायता
हाल ही में मुलुगु जिले में ग्रामीणों की सूचना पर 20 माओवादी पकड़े गए थे। उनके पास से विस्फोटक, हथियार और अन्य सामग्री बरामद किया गया था। तेलंगाना सरकार की ओर से आत्मसमर्पण करने वाले माओवादियों को राहत के रूप में तत्काल 25 हजार रुपये दिया जा रहा है। 7 पूर्व माओवादियों को रैंक के आधार पर 12 लाख की सहायता राशि प्रदान की गई है। इसके अलावा 26 हजार रुपये पहले ही आधार कार्ड सत्यापन के बाद दी जा चुकी है।
शिक्षक से माओवादी बने, अब किया आत्मसमर्पण
प्रदेश के राजनांदगांव जिले में माओवादी विचारधारा ने प्रभावित होकर जीवन नाम के एक व्यक्ति ने लगभग 20 साल पहले शिक्षक की नौकरी छोड़कर हथियार उठा लिया था। लेकिन एक बार फिर जीवन 20 साल बाद अपनी पत्नी के साथ आत्मसमर्पण कर दिया है। जीवन ने माओवाद की धारा छोड़कर समाज की मुख्य धारा में जुड़ना चुना है।
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