



बिलासपुर: साल 2025 का पहला सूर्य ग्रहण 29 मार्च को चैत्र अमावस्या के दिन लगेगा। यह आंशिक सूर्य ग्रहण होगा, जो भारत में दिखाई नहीं देगा, इसलिए इसका सूतक काल भी मान्य नहीं होगा।



भारतीय समयानुसार यह ग्रहण दोपहर 2:20 बजे शुरू होगा और शाम 6:16 बजे समाप्त होगा। कुल मिलाकर यह ग्रहण 3 घंटे 53 मिनट तक रहेगा। चूंकि यह ग्रहण भारत में दृष्टिगोचर नहीं होगा, इसलिए धार्मिक कार्यों पर कोई प्रतिबंध नहीं रहेगा और लोग सामान्य रूप से पूजा-पाठ, तर्पण व दान आदि कर सकेंगे।
- ज्योतिषाचार्य पं. मनोज तिवारी के अनुसार, सूर्य या चंद्र ग्रहण के समय सूतक काल का विशेष महत्व होता है। यह नियम तभी लागू होता है जब ग्रहण भारत में दिखाई देता है।
- 29 मार्च को लगने वाला यह आंशिक सूर्य ग्रहण भारत में नजर नहीं आएगा, इसलिए सूतक काल मान्य नहीं होगा। इस कारण धार्मिक कार्य यथावत रहेंगे।
- इस दिन चैत्र अमावस्या के अवसर पर किए जाने वाले श्राद्ध, तर्पण, पूजन और दान का पुण्य लाभ भी प्राप्त होगा।
ग्रहण के दौरान क्या करें, क्या नहीं
भारत में यह ग्रहण दृश्य नहीं होगा, फिर भी ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ग्रहण के दौरान मानसिक शांति बनाए रखना, ईश्वर का स्मरण करना और सकारात्मक कार्यों में मन लगाना शुभ माना जाता है। नए कार्य शुरू करने से बचना चाहिए। ग्रहण समाप्त होने के बाद शुद्धिकरण लाभकारी है।
कहां-कहां दिखाई देगा सूर्य ग्रहण
यह आंशिक सूर्य ग्रहण भारत में भले ही न दिखे, लेकिन इसे उत्तरी अमेरिका, आर्कटिक क्षेत्र, ग्रीनलैंड और रूस के कुछ हिस्सों में देखा जा सकेगा। खगोल प्रेमियों के लिए यह एक महत्वपूर्ण खगोलीय घटना होगी।