



भिलाई। स्टील मेटल एंड इंजीनियरिंग वर्कर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया ( स्मेफ ी ) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एचएस मिश्रा ने भिलाई टाउनशिप की बदहाल होती जा रही स्थिति के लिए संयंत्र के उच्च प्रबंधन पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि उच्च प्रबंधन के अधिकारियों की कर्तव्य निर्वहन के प्रति उदासीनता से बेहतर सुविधाओं और परिवेश की मिसाल दी जाने वाली भिलाई टाउनशिप आज अपने दुर्दशा पर खून के आंसू बहा रहा है। आवासों के रखरखाव में लापरवाही से जनहानि की आशंका बनी हुई है। वहीं देखभाल के अभाव में सड़क से लेकर उद्यानों तक की स्थिति खराब हो गई है।



स्मेफ ी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एचएस मिश्रा ने जारी बयान में बताया कि भिलाई इस्पात संयंत्र के द्वारा विकसित टाउनशिप में 40 से 45 वर्ष पहले बने मकान जर्जर हो चुके हैं। इन मकानों के रखरखाव के प्रति संयंत्र प्रबंधन को जिस तरीके की गंभीरता दिखाने की जरूरत है वह धरातल पर देखने को नहीं मिल रहा है। गत शनिवार की रात में सेक्टर 5 में संयंत्र कर्मी को आबंटित मकान का छज्जा गिर गया। इस घटना में संयंत्र कर्मी और उनका परिवार बाल बाल बचा। इस तरह की घटनाएं पूर्व में कईं बार हो चुकी है। आवासों में लगे पंखे और बिजली वायरिंग को आज तक नहीं बदला गया है। बिजली गुल होने की समस्या से भी टाउनशिप में रहने वाले परेशान हैं। अनेक संगठनों की ओर से आवासों के संधारण सहित अन्य समस्या के लिए ठोस और गंभीर प्रयास करने प्रबंधन का ध्यानाकर्षण कराया जाता रहा है। उन्होंने ने बताया कि संयंत्र प्रबंधन ने अपने आवासों के संधारण और रखरखाव के लिए ठेका एजेंसी तय कर रखा है। लेकिन किए जाने वाले संधारण कार्य की अधिकारियों द्वारा सही मानिटरिंग नहीं होने से ठेका एजेंसी लीपापोती कर पूरा भुगतान प्राप्त कर रही है।
श्री मिश्रा ने बताया कि कुछ दिन पहले भिलाई टाउनशिप को स्मार्ट सिटी/स्टील सिटी बनाने की चर्चा चली थी। लेकिन जब तक बड़े अधिकारी फ ील्ड पर निकलकर टाउनशिप का अवलोकन नहीं करेंगे तब तक स्टील सिटी बनाने की सोंच के सफल होने पर संदेह बना रहेगा। टाउनशिप में बारिश के दिनों में उगने वाली घास को काटकर वहीं छोड़ दिया जाता है। जिससे जगह जगह कचरे का ढेर लगा हुआ है। अनेक सड़कें टूटी हुई है। विभिन्न सेक्टर में विकास के नाम पर बनाए गए उद्यान साफ सफ ाई और रखरखाव नहीं होने से लोगों के लिए अनुपयोगी साबित हो रही है। सेक्टर 8 के उद्यान में पानी भरा हुआ है। पेड़ पौधों की कटाई छंटाई नहीं हो रही है। इस बात की जानकारी उच्च अधिकारियों को तभी होगी, जब वे दफ्तर से निकलकर स्वयं देखेंगे। 15 -16 साल पहले बड़े अधिकारी टाउनशिप का घूम घूमकर निरीक्षण करते थे और नजर आने वाली खामियों को सुधारने अधीनस्थ अधिकारी व कर्मचारियों को निर्देशित करते थे। लेकिन अब अधीनस्थ अधिकारी कर्मचारियों को बंद कमरे में बैठकर निर्देशित किया जा रहा है।
श्री मिश्रा ने बताया कि वे कुछ दिन पहले राउरकेला गए थे। भिलाई से छोटा संयंत्र होने के बावजूद राउरकेला की टाउनशिप साफ सुथरी और व्यवस्थित है। सही मायने में राउरकेला स्मार्ट सिटी / स्टील सिटी बनने के मापदण्ड को पूरा करता है। लेकिन भिलाई में ऐसी व्यवस्था नहीं बन पाना दुर्भाग्यपूर्ण होने के साथ ही उच्च प्रबंधन के लिए चिंतनीय विषय होना चाहिए।
श्री मिश्रा ने यह भी जानकारी दिया कि टाउनशिप में सड़कों का हाल बदहाल है। टूटा फुटा है। और जिस एजेंसी को सड़क बनाने का काम दिया जाता है वह अपनी मर्जी से अपना स्वार्थ और फायदा देखकर काम करता है। डामर का पतला लेयर बनाकर उसके उपर रेत बिछा कर घटिया क्वालिटी का मटेरियल उपयोग किया जाता है। जिसके कारण कई लोग फिसल कर गिर कर चोटिल भी हुए है लेकिन ठेकेदार को कोई फर्क नही पड़ता है। इसका उदाहरण है कि जेपी चौक से नेहरू नगर चौक तक जो सड़क बनाया गया उसमें अब तक कई जगह गडड्े हो गए है सड़क लेबल ना होकर उबड़ खाबड़ है। इसलिए प्रबंधन को सही मानिटरिंग करने की जरूरत है और संज्ञान में लेकर अधिकारियों को जांच और देखरेख करना चाहिए। सिर्फ पैसा देने से और आर्डर देने से काम सही नही होगा।