



छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र की सरहदी इलाकों में तीन दिनों तक ऑपरेशन प्रहार के तहत 10 हार्डकोर नक्सलियों को ढेर करने के बाद बस्तर की दो फाइटर लड़कियां हेलीकॉप्टर से जिला मुख्यालय परीक्षा देने के लिए पहुंची. ग्रेजुएशन और पोस्ट-ग्रेजुएशन की परीक्षा दे रहीं योगेश्वरी बघेल और निकिता प्रधान शिक्षा को सबसे बड़ा हथियार मानती हैं. उनका कहना है कि समाज शिक्षित होगा तभी नक्सलवाद जड़ से खत्म होगा.



मुख्यधारा से भटके नक्सलियों को आत्मसमर्पण करा कर सरकार की लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं पर भरोसा जताने का आह्वान करने वाली योगेश्वरी बघेल और निकिता प्रधान का कहना है कि नक्सलवाद को खत्म करने के लिए जो बड़ी लड़ाई लड़ी जा रही है. उन्हें गर्व है कि वो इसका अहम हिस्सा हैं.
योगेश्वरी बघेल और निकिता प्रधान नक्सलियों की घेराबंदी के लिए जंगल जाती हैं तो अपनी पढ़ाई को लेकर भी एक्टिव रहती हैं. ड्यूटी के दौरान जहन में सिर्फ एक ही बात होती है कि अगर नक्सलियों से सामना हो जाए अपने जौहर दिखाएं. बस्तर की आन, बान और शान की लड़ाई लड़ने वाली योगेश्वरी बघेल और निकिता प्रधान पिछले एक साल से बस्तर फाइटर में काम कर रही हैं.
BA फाइनल की परीक्षा की तैयारी कर रहीं निकिता प्रधान कहती हैं कि पढ़ लिखकर वह अपने ही पुलिस विभाग की अफसर बनकर देश की सेवा करेंगी. नक्सल मोर्चे पर थकान होने पर वह कहती हैं कि जीवन में सब कुछ आसानी से मिल जाता तो फिर क्या बात होती. नारायणपुर से 35 किलोमीटर दूर धोडाई गांव की रहने वाली बस्तर फाइटर की यह लड़ाकू अपने रिश्तेदार के घर में रहकर नक्सलियों से मुकाबला कर कॉलेज में पढ़ाई कर रही हैं. इनके पिता खेती किसानी करते हैं.