



हिंदू धर्म में छठ पूजा का विशेष महत्व है. यह व्रत 4 दिनों तक चलता है. आखिरी दिन कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को सूर्योदय के समय सूर्य को अर्घ्य्र देकर समाप्त किया जाता है. इस बार छठ पूजा की 28 से 31 अक्टूबर तक है. इस व्रत में 36 घंटों तक निर्जला रहना पड़ता है. ऐसे में इन चीजों के इस्तेमाल से इनर्जी की कमी नहीं होगी.



छठ पूजा में ईख का इस्तेमाल किया जाता है. इसे गन्ना या अंगोला भी कहते हैं. छठ पूजा में गन्ने के रस की खीर बनाई जाती है. गन्ना सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है. इसमें आयरन की मात्रा भरपूर होती है. गन्ने का रस शरीर को एनर्जी देता है. इसे छठ पूजा में छठ माई को भी अर्पित किया जाता है. गन्ने का रस लिवर और किडनी का फंक्शन को बेहतर बनाता है.
केला: छठ पूजा में केले के पत्तों और केला फल का बहुत महत्व होता है. केला आपको तुरंत एनर्जी देता है. इसमें अच्छी मात्रा में पोटेशियम, कैल्शियम, विटामिन सी और फाइबर होता है. जिससे कोलेस्ट्रॉल और ब्लड प्रेशर कंट्रोल रहता है. केले का इस्तेमाल व्रती कर सकते है.
नारियल: भी छठ पूजा में इस्तेमाल किया जाता है. इसे छठ माता को अर्पित किया जाता है. नारियल का इस्तेमाल कई रूपों में किया जाता है. इसका हर रूप जैसे कोकोनट वॉटर, कच्चा नारियल, नारियल का तेल और सूखा नारियल आपको हेल्दी बनाता है और पूरे दिन एनर्जी देता रहता है. इसमें कई जरूरी विटमिन, मिनरल, कार्बोहाइड्रेड और प्रोटीन पाया जाता है. जो एनर्जी का स्रोत होता है.
डाभ नींबू : डाभ नींबू भी छठ पूजा की सामग्री में शामिल होगा है. इसे पानी के साथ पीने से पानी की कमी तो दूर ही करता है. साथ ही व्रती को दिन भर ऊर्जावान रखता है. इसमें पाया जाने वाला विटामिन सी बेहद फायदेमंद होता है. साथ ही इम्यूनिटी को मजबूत करता है. ये एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है जो सीजनल इंफेक्शन और बीमारियों से बचाता है. इसे पेट और पाचन के लिए बहुत अच्छा माना जाता है.
सिंघाड़ा: छठ पूजा में सिंघाड़े का विशेष महत्व होता है. सिंघाड़ा शरीर में पानी की कमी दूर करता है.जो व्रती डायबटीज से परेशां हैं उनके लिए सिंघाड़ा बेहद लाभप्रद हो सकता है.
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