



8 मई की शाम पाकिस्तान ने एक बार फिर भारत पर हमला किया। लेकिन भारत ने S-400 एयर डिफेंस सिस्टम के जरिए इन सभी हमलों को हवा में ही मार गिराया। सेना से आई जानकारी के मुताबिक तकरीबन 300-400 मिसाइलें और ड्रोन हमले भारत के 36 शहरों पर किए गए लेकिन ये सभी के सभी नाकामयाब रहे। इन चार सौ हमलों को रोकने के लिए कई सारी S-400 मिसाइलें भारत को दागनी पड़ीं। ऐसे में एक S-400 एयर डिफेंस सिस्टम से मिसाइलें दागने में भारत कितना खर्चा आता है, ये सवाल अब सभी के मन में आ रहा है।



एक मिसाइल गिराने में कितना आता है खर्च? डिफेंस प्रॉड्क्ट्स बनाने वाली साइट पर दिए गए आंकड़ों के मुताबिक, एक S-400 मिसाइल की कीमत 300,000 डॉलर (करीब 2.5 करोड़ रुपये) से लेकर 1 मिलियन डॉलर (करीब 8.3 करोड़ रुपये) तक है। हालांकि एक S-400 एयर डिफेंस सिस्टम में कई मिसाइलें होती हैं। जिसमें 40N6E जैसी लंबी दूरी की मिसाइलों की कीमत 1 मिलियन डॉलर से 2 मिलियन डॉलर के बीच हो सकती है।
S-400 में कौन-कौन सी मिसाइलें होती हैं? S-400 सिस्टम में चार प्रमुख मिसाइलें होती हैं: • 48N6E3: 250 किमी रेंज की हाई-स्पीड मिसाइल • 40N6E: 400 किमी रेंज की सबसे लंबी दूरी की मिसाइल • 9M96E और 9M96E2: छोटी दूरी की मिसाइलें, कम कीमत और तेज प्रतिक्रिया क्षमता इनमें से 40N6E सबसे महंगी और शक्तिशाली मानी जाती है. कितनी ताकतवर है S-400? S-400 सिस्टम में चार मुख्य मिसाइल प्रकार शामिल हैं: 250 किलोमीटर की रेंज वाली 48N6E3, 400 किलोमीटर की रेंज वाली 40N6E और कम दूरी वाली 9M96E और 9M96E2 मिसाइलें। इनमें से 40N6E अपनी विस्तारित रेंज क्षमताओं के कारण सबसे महंगा और शक्तिशाली विकल्प है। ये मिसाइलें अत्याधुनिक सेंसर, सटीक नेविगेशन सिस्टम, इलेक्ट्रॉनिक गाइडेंस सिस्टम और उन्नत टेक्नोलॉजी से लैस हैं। यही खासियत उन्हें एक साथ कई लक्ष्यों को ट्रैक करने और फिर मार गिराने में खास बनाती हैं।
किस-किस के पास है S-400 एयर डिफेंस सिस्टम? S-400: रूस का S-400 एयर डिफेंस सिस्टम आसमान में ढाल के रूप में जाना जाता है। इसे लड़ाकू जेट, ड्रोन, क्रूज मिसाइल और बैलिस्टिक मिसाइलों सहित हवाई खतरों को बेअसर करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। मौजूदा वक्त में भारत के अलावा तुर्किए और चीन जैसे देशों के पास ये सिस्टम है। दूसरे डिफेंस सिस्टमों पर हो रहा काम एक्सपर्ट्स की मानें तो, कामिकेज़ ड्रोन जैसे खतरों को रोकने के लिए S-400 मिसाइल का इस्तेमाल करना आर्थिक रूप से फायदे का सौदा नहीं है। उदाहरण के लिए, 8 करोड़ रुपये की कीमत वाली S-400 मिसाइल से 20,000 डॉलर की कीमत वाले ड्रोन को मार गिराने से घाटा होता है। ऐसे में कई देश अब ज्यादा किफायती एंटी-ड्रोन सिस्टम में तैयार करने में जुट गए हैं। अमेरिकी डिफेंस सिस्टम को भी जानें S-400 को अमेरिका की THAAD या पैट्रियट सिस्टम की तुलना में अधिक किफायती माना जाता है। CNBC की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि एक S-400 बैटरी की कीमत लगभग 500 मिलियन डॉलर हो सकती है, जबकि अमेरिका की THAAD बैटरी की कीमत 3 बिलियन डॉलर तक हो सकती है। ऐसे में S-400 एक सस्ते और कारगर विकल्प के रूप में ज्यादा खरीदी जाती है। इस खबर पर आपकी क्या राय है, हमें कॉमेंट में जरूर बताएं।