



नई दिल्ली। पूरे राजकीय सम्मान के साथ शनिवार को पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार कर दिया गया। राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, केंद्रीय गृह मंत्री और रक्षा मंत्री सहित तमाम गणमान्य लोगों की उपस्थिति में निगम बोध घाट पर मुखग्नि दी गई।



इससे पहले निवास से उनका पार्थिव शरीर कांग्रेस मुख्यालय लाया गया। यहां कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं ने अंतिम दर्शन किए। इसके बाद निगम बोधी घाट के लिए अंतिम यात्रा रवाना हुई।
कांग्रेस मुख्यालय में सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा सहित पार्टी के सभी बड़े नेता मौजूद रहे। बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता भी यहां डॉ. सिंह के अंतिम दर्शन किए और श्रद्धा-सुमन अर्पित किए। गांधी परिवार भी अंतिम यात्रा में शामिल हुआ।
निगम बोध घाट पर पहले राष्ट्रपति के साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व अन्य लोगों ने श्रद्धांजलि दी, जिसके बाद राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। यहां कई गणमान्य नागरिक पहुंचे। इस दौरान रिंग रोड (महात्मा गांधी मार्ग), निशाद राज मार्ग, बुलेवार्ड रोड, एसपीएम मार्ग, लोथियन रोड और नेताजी सुभाष मार्ग सहित सड़कों पर सुबह 7 बजे से दोपहर 3 बजे तक प्रतिबंध है।
मनमोहन सिंह के स्मारक पर राजनीति
इस बीच, पूर्व प्रधानमंत्री के स्मारक पर राजनीति भी शुरू हो गई है। भाजपा का आरोप है कि कांग्रेस इस मुद्दे पर भी राजनीति कर रही है, जबकि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अपनी तरफ से डॉ. सिंह के लिए स्मारक बनाने का फैसला किया और इसकी जानकारी कांग्रेस नेतृत्व के साथ ही डॉ. सिंह के परिजन को भी दी। इस मुद्दे पर अखिलेश यादव ने भी केंद्र सरकार को निशाने पर लिया।