



कोरोना काल में जब उद्योग बंद हो गए थे। फैक्ट्रियों में उत्पादन कम हो गया था। तब एसएनके समूह के मालिकान बंपर उत्पादन कर रहे थे। कागजों पर फैक्ट्री कम दिन के लिए चलाई दिखाई जाती थी। लेकिन उत्पादन दिनों-दिन बढ़ता चला गया था।



डायरेक्ट्रेट जनरल आफ जीएसटी इंटीलेसीजेंस (डीजीजीएसटीआई) की खुफिया विंग ने पुख्ता सबूत मिलने के बाद इतनी बड़ी कार्रवाई की है। 154 करोड़ की टैक्स चोरी का मामला प्रकाश में आया है। दरअसल, टीमों को कच्चे माल, उत्पादन, पैकेजिंग मैटीरियल में बड़े पैमाने पर गोलमाल मिला है।
इन पर बीते कई महीनों से निगाह रखी जा रही थी। सुपाड़ी, सुगंध खरीद आदि कच्चे पर्चे पर ही दिखाई जाती थी। एजे सुगंधी आठ साल से पान मसाला के कारोबार में है। एसएनके ब्रांड नाम से इनके पान मसाला की ब्रिकी शहर के आसपास दो सौ किलोमीटर के दायरे में आने वाले जिलों और गांवों तक में सप्लाई की जाती थी।
इसी कड़ी में मेरठ, गाजियाबाद और दिल्ली से आई टीमों ने एजे सुगंधी के टर्नओवर को लेकर कंपनी के मालिकों से पूछताछ की थी। कंपनी की तरफ से दी गई जानकारी और जांच में बड़ा अंतर निकला। पनकी स्थित फैक्ट्री के उत्पादन और पैकेजिंग में बड़ा खेल सामने आया है।