



छोटे राज्यों में कोरोना ने सबसे ज्यादा छत्तीसगढ़ में कहर बरपाया है। दूसरी लहर के दौरान छत्तीसगढ़ में कई दिनों लगातार 15 हजार से ज्यादा नए मरीज मिले हैं। अब कोरोना की रफ्तार थोड़ी धीमी पड़ी है। अब 10 हजार के करीब मरीज हर दिन मिल रहे हैं। मगर सरकार के लिए चिंता की बात यह है कि कोरोना ने अब गांवों को अपना ठिकाना बना लिया है। 80 फीसदी से ज्यादा मामले गांवों से आ रहे हैं। अप्रैल की शुरुआत में राज्य सरकारों ने कोरोना को लेकर सख्ती बरतनी शुरू की थी। नौ अप्रैल को छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमण के जो केस मिले थे, उनमें 56 फीसदी गांव से और 44 फीसदी से शहर से थे। उस वक्त भी गांव से ही ज्यादा मामले सामने आ रहे थे। एक महीने बाद स्थिति और भयावह हो गई है। अब जो आंकड़े सामने आ रहे हैं, उसके हिसाब से शहरों से कोरोना भाग रहा है और गांवों को अपना ठिकाना बना रहा है।




नौ मई को कुल 9,120 संक्रमित मरीज मिले थे। वहीं, 12,810 लोग स्वस्थ हुए थे। नौ मई के आंकड़ों में ग्रामीणों क्षेत्रों से 89 फीसदी मरीज थे। वहीं, शहरी क्षेत्रों से मात्र 11 फीसदी मरीज मिले थे। इससे साफ जाहिर हो रहा है कि कोरोना ने गांवों को अपना ठिकाना बना लिया है। इसकी वजह गांव के लोगों में अभी जागरूकता कम है और लापरवाही ज्यादा बरत रहे हैं। यह सरकार के लिए चिंता का विषय है।
कोरोना के कुल 10150 मरीज मिले हैं। वहीं, 9035 लोग ठीक हुए हैं। इस दिन कुल 71,130 मरीजों की जांच हुई थी। ये सरकार के लिए राहत की बात है। सिर्फ छत्तीसगढ़ ही नहीं, देश के ज्यादातर राज्यों में यही हालात हैं कि कोरोना अब गांवों को अपना बेस बना रहा है। देश के 13 राज्यों के आंकड़े को देखें तो छत्तीसगढ़ के गांवों में सबसे ज्यादा संक्रमण हैं।
Jagatbhumi Just another WordPress site
