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70 फुट दूर पेड़ की आड़ में छुपे थे नक्सली, SP-DIG समेत 500 जवान वहां से गुजरे फिर भी ट्रेस नहीं हुई IED

रायपुर: छत्तीसगढ़ के बीजापुर में हुए आईईडी ब्लास्ट में नक्सलियों की साजिश का खुलासा हुआ है। सोमवार को हुए इस धमाके में DRG और बस्तर फाइटर्स के आठ जवान और एक ड्राइवर शहीद हुए थे। नक्सलियों ने सड़क से लगभग 70 फुट दूर पेड़ों के पीछे छिपकर करीब 70 किलो का आईईडी विस्फोट किया।

ब्लास्ट में RDX का इस्तेमाल नहीं

इस आईईडी को माइंस में इस्तेमाल होने वाले जिलेटिन की छड़ों और डेटोनेटर से बनाया गया था और इसे सड़क में लगभग 15 फुट गहरे गड्ढे में छिपाया गया था। इसमें RDX का इस्तेमाल नहीं हुआ था। सीआरपीएफ के डीजी वितुल कुमार जांच के लिए छत्तीसगढ़ पहुंच गए हैं। NIA की टीम भी जल्द ही मौके पर पहुंचेगी। इससे पहले इसी रास्ते से SP और DIG का काफिला भी गुजरा था। इस घटना के बाद सुरक्षाबलों की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठ रहे हैं।

सटीक प्लानिंग से किया ब्लास्ट

बीजापुर में हुए इस दर्दनाक हादसे ने सभी को झकझोर कर रख दिया है। नक्सलियों ने जिस तरीके से इस हमले को अंजाम दिया, उससे उनकी तैयारी और क्रूरता का पता चलता है। उन्होंने सड़क के नीचे आईईडी बिछाकर और तार से जोड़कर रिमोट से ब्लास्ट किया। इस ब्लास्ट की तीव्रता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि लगभग 70 किलो वजनी विस्फोटक का इस्तेमाल किया गया था। इस विस्फोटक को बनाने में जिलेटिन की छड़ें और डेटोनेटर का प्रयोग किया गया, जो आमतौर पर खनन कार्यों में इस्तेमाल होते हैं। यह विस्फोटक इतनी गहराई में दबाया गया था कि सुरक्षा बलों के उपकरण भी इसे पहचान नहीं पाए।

इसी रास्ते से गुजरे करीब 500 जवान

इस घटना के बाद सुरक्षा एजेंसियों की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठ रहे हैं। खुफिया सूचनाओं के आधार पर, सुरक्षाबल नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन चला रहे थे। इस ऑपरेशन के दौरान लगभग 500 जवान इसी रास्ते से गुजर चुके थे, लेकिन कुछ ही देर बाद हुए इस ब्लास्ट में नौ जवान शहीद हो गए।

तैयारियों पर उठ रहे सवाल

इस घटना से यह सवाल उठता है कि क्या सुरक्षाबलों ने तय एसओपी का पालन किया था या नहीं? इस बारे में एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सभी जरूरी प्रक्रियाएं अपनाई गई थीं, जिसमें सड़क के नीचे दबे आईईडी का पता लगाना भी शामिल था। लेकिन, नक्सलियों ने आईईडी को इतनी गहराई में गाड़ दिया था कि उपकरण उसे पकड़ नहीं पाया।

सीआरपीएफ के डीजी कर रहे जांच

इस हमले की गंभीरता को देखते हुए, सीआरपीएफ के डीजी वितुल कुमार खुद घटनास्थल का जायजा लेने छत्तीसगढ़ पहुंचे। छत्तीसगढ़ पुलिस के डीजीपी और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौके पर पहुंचे और पूरी घटना की जांच शुरू कर दी गई है।

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