



दुर्ग। भुइंया सॉफ्टवेयर हैकिंग और जमीन के फर्जी बंटवारे से जुड़े बड़े फर्जीवाड़े का नंदिनी थाना पुलिस ने पर्दाफाश किया है। पुलिस ने जांच के बाद आरोपी नंद किशोर साहू, निवासी सेक्टर-05, भिलाई को गिरफ्तार किया है। आरोपी पर आरोप है कि उसने फर्जी दस्तावेजों के जरिए भारतीय स्टेट बैंक, नंदिनी शाखा से 36 लाख रुपये का लोन निकालकर रकम अपनी प्राइवेट कंपनी में इन्वेस्ट कर दी।



यह मामला थाना नंदिनी नगर क्षेत्र के पटवारी हल्का नंबर 16 के ग्राम अछोटी और मुरमुंदा का है। यहां आरोपियों ने ऑनलाइन राजस्व अभिलेख में फर्जीवाड़ा कर भारतीय स्टेट बैंक, नंदिनी नगर शाखा से 36 लाख रुपये का लोन ले लिया। जांच में सामने आया कि आरोपी दिनू राम यादव और उसके साथी एस राम बंजारे ने षड्यंत्र रचते हुए मूल खसरा नंबर में छेड़छाड़ कर नए खसरा नंबर बनाए और बैंक को झूठे दस्तावेज पेश किए।
जांच के दौरान पता चला कि लोन की रकम का बड़ा हिस्सा नंद किशोर साहू निवासी भिलाई के खाते में ट्रांसफर हुआ था। साहू ने इस राशि में से लगभग 20 लाख रुपये अपनी निजी कंपनी भिलाई–दुर्ग फार्मर प्रोड्यूसर कम्पनी में निवेश कर दिया। पुलिस ने उसे 27 अगस्त को गिरफ्तार कर लिया।
इस मामले में पुलिस ने अपराध दर्ज कर धारा 318(4), 338, 336(3), 340(2), 3(5) बीएनएस और 66(सी) आईटी एक्ट के तहत कार्रवाई की है। पुलिस का कहना है कि आरोपियों से पूछताछ जारी है और आगे और भी खुलासे हो सकते हैं।
क्या है पूरा मामला?
दुर्ग जिले के मुरमुंदा पटवारी हलका से जुड़े मुरमुंदा, अछोटी, चेटुवा और बोरसी गांवों की 765 एकड़ जमीन के रिकॉर्ड में हेराफेरी की गई है। इसमें आधी जमीन शासकीय और बाकी निजी जमीन है। आरोप है कि शासकीय व निजी जमीन का फर्जी तरीके से बंटवारा कर अलग-अलग व्यक्तियों के नाम दर्ज कर दिया गया। इतना ही नहीं, फर्जी रिकॉर्ड के आधार पर कई लोगों ने बैंकों से लोन भी ले लिया। बेशकीमती शासकीय जमीनों पर 52 बोगस खसरा नंबर जारी कर 765 एकड़ जमीन के रिकार्ड में हेराफेरी की गई है। उक्त जमीन का बड़ा हिस्सा मुख्य मार्गों से लगा है. ऐसे में जमीनों के बाजार में वर्तमान कीमत लगभग 500 करोड़ रुपए है।
जमीन के फर्जीवाड़े के तार रायपुर, कोरबा समेत अन्य जिलों से जुड़े होने की आशंका है। प्राथमिक जांच में सामने आया है कि पाटन के पटवारी मनोज नायक और अहिवारा में पदस्थ पटवारी कृष्ण कुमार सिन्हा की आईडी के जरिए जमीन रिकार्ड से छेड़छाड़ की गई है। एनआईसी से मिली जानकारी के बाद दोनों पटवारियों को निलंबित भी कर दिया गया। भुइंया सॉफ्टवेयर हैकिंग मामले में दुर्ग जिले के नंदिनी, कुम्हारी और अमलेश्वर थानों में एफआईआर दर्ज की गई है। फिलहाल इस मामले में अभी नंदिनी थाना पुलिस ने कार्रवाई की है।
कैसे खुला पूरा मामला?
दरअसल, एक व्यक्ति ने इन्हीं फर्जी खसरा नंबरों के आधार पर एचडीएफसी बैंक से लोन लेने की कोशिश की। जब बैंक ने जमीन के दस्तावेजों की जांच कराई तो गड़बड़ी सामने आई। इसके बाद मामले का बड़ा जाल खुला और कार्रवाई शुरू हुई।