



भिलाई हिन्द मजदूर सभा( HMS) के प्रदेश कार्यवाहक अध्यक्ष, स्टील मेटल एंड इंजीनियरिंग वर्कर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सह भिलाई श्रमिक सभा के अध्यक्ष एच. एस. मिश्रा ने कहा कि आज की तारीख में बीएसपी प्रबंधन श्रमिकों की मूलभूत सुविधाओं, सुरक्षा ,स्वास्थ्य और शिक्षा की पूरी तरह से अनदेखी कर रही है। जिसके परिणाम स्वरूप भिलाई टाउनशिप के दर्जनों स्कूल बंद कर दिए गए हैं। सुरक्षा को लेकर पुख्ता इंतजाम नहीं किया जा रहा है। स्वास्थ्य सुविधाओं की स्थिति भी बद से बद्तर हो गई है। ऐसे में नए डायरेक्टर इंचार्ज से कुछ बेहतर कदम उठाने की उम्मीद है।



श्री मिश्रा ने बताया कि नए शिक्षकों की नियमित भर्ती वर्षों से नही हुई है। केवल गिनती के स्कूल बचे हुए हैं। जो संविदा के शिक्षकों के भरोसे चल रहे हैं। दूसरी ओर निजी स्कूलों को पूरी सुविधा मुफ्त में प्रदान की जा रही। जिसका कोई भी लाभ संयंत्र कर्मचारियों के बच्चों को नही मिलता। अधिकांश निजी स्कूलों ने संयंत्र द्वारा प्रदान की जमीन से ज्यादा जमीनों पर अतिक्रमण कर रखा है। जिस पर प्रबंधन की चुप्पी संदेहजनक है । टाउनशिप में सामाजिक संगठनों को प्रदान की गई जमीन जिसे प्रबंधन द्वारा नाम मात्र शुल्क पर सामाजिक कार्यों के लिए दी गई थी। उसका आज व्यवसायीकरण हो गया है। उन भवनों को शादी विवाह जैसे आयोजन के लिए मोटी रकम लेकर बुक किया जा रहा है। इन भवनों द्वारा ध्वनि प्रदूषण के साथ साथ अन्य कईं तरह के प्रदूषण फैलाए जा रहे हैं। आस पास के रहवासी इससे भारी असुविधा के साथ असुरक्षित भी महसूस करते हैं। अभी हाल में ही सेक्टर 2 के एक भवन में जादूगर का शो चल रहा है। सवाल उठता है कि क्या इसकी अनुमति प्रबन्धन से ली गई है। इस शो की वजह से आस पास के लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इस तरह के आयोजन को प्रबंधन तत्काल बन्द करवाएं। यही नहीं लगभग सभी सेक्टरों के भवनों में कईं कमरों का निर्माण करवा कर उसमें एसी लगवाया गया है। जिसकी वजह से उन सेक्टरों में ट्रांसफॉर्मर जलने की घटनाएं आम हो गई हैं। इसी प्रकार आज की स्थिति में सेक्टर 9 का पंडित जवाहरलाल नेहरू अस्पताल केवल रेफरल सेंटर बन कर रह गया है। वहां पैरामेडिकल स्टॉफ व विशेषज्ञ चिकित्सक की कमी जगजाहिर है। वहां पर भी आउटसोर्सिंग के सहारे भगवान भरोसे काम चल रहा है। जब तक बीएसपी में प्रबंध निदेशक श्री आर रामा राजू थे, तभी तक अस्पताल में उनके द्वारा बेहतरी के लिए निरंतर कार्य किए गए।
उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य से पिछले डायरेक्टर इंचार्ज के पद पर ऐसे अधिकारी भिलाई में रहे जिनका न तो जनता न जनप्रतिनिधियों से कोई जुड़ाव था। न तो वे यूनियन से मिलते थे और न ही उन्हें शिक्षा, स्वास्थ्य व टाउनशिप के विकास से कोई मतलब था। और तो और उनका रवैया संयंत्र में सुरक्षा के प्रति भी घोर उपेक्षा पूर्ण था। इसी के परिणाम स्वरूप उनके कार्यकाल के दौरान अधिक दुर्घटना और फेटल केस हुए। एचएस मिश्रा ने आगे कहा कि वर्तमान में जब भिलाई में नगर निगम और बीएसपी के द्वारा संयुक्त रूप से विकास कार्य हो रहे हैं तो फिर गुणवत्ता पर ध्यान क्यों नहीं दिया जा रहा है। पहले टाउनशिप में सड़क बनने पर तीन- चार साल तक कुछ नहीं होता था। लेकिन आज सड़क बनाने के पखवाड़े भर में ही सड़क पर गड्डे हो कर उखड़ने लगती है। इन सब पर निगरानी की जिम्मेदारी नगर सेवाएं विभाग के मुख्य महाप्रबंधक और अन्य अधिकारियों की है। क्या वे अपनी जिम्मेदारी सही ढंग से निर्वहन कर रहे हैं ? या उन पर कोई राजनीतिक दबाव है। मकानों के छत पर टार फेल्टिंग नहीं हो रहे हैं। अगर कुछेक में हो भी रहें तो उस पर भी गुणवत्ता पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। सभी सेक्टरों में नगर निगम व बीएसपी के सहयोग से निर्मित उद्यानों की हालत बद से बदतर होते जा रही है। सेक्टर 5 में निर्मित शहीद उद्यान जो भिलाई निगम महापौर का ड्रीम प्रोजेक्ट था, जिसे देखने दूर दूर से लोग आते थे जहां 10 रुपये संध्या समय प्रवेश शुल्क लिया जाता है। उस उद्यान की हालत भी दयनीय है। प्रवेश शुल्क कौन ले रहा और किस तरह खर्च किया जा रहा इसे बीएसपी प्रबंधन द्वारा सार्वजनिक किया जाना चाहिए। टाउन शिप में बने कुछ एक खेल मैदानों को छोड़कर बाकि मैदानों की दशा को देखकर नहीं लगता कि कभी टाउनशिप के अधिकारी इसे देखने की फुरसत पाते हैं।
सभी क्षेत्रों में अच्छी तरह से कार्य सम्पादित हो उस के लिए उच्चाधिकारियों को चाहे संयंत्र हो अस्पताल हो या टाउनशिप हो एसी कमरे से बाहर निकल कर साइट में जाना पड़ेगा। तभी गुणवत्ता पूर्ण कार्य हो पायेंगे।
ठेकेदार भी जानते हैं कि ऊपर से लेकर नीचे तक सभी अधिकारी कमरे में बैठकर ही कार्य करते हैं इसलिए जिस गुणवत्ता के लिए भिलाई इस्पात संयंत्र का नाम था उस पर पानी फेर कर मनमाने ढंग से कार्य कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि एक ही विभाग में लंबे समय से पदस्थ अधिकारियों का तबादला होना चाहिए। विभाग बदलने से कार्य क्षमता में इजाफा होने के साथ ही पारदर्शिता आती है। चूंकि पिछले डायरेक्टर इंचार्ज कर्मचारियों को मिलने वाली मूलभूत सुविधाओं के प्रति भी उदासीन थे। इसलिए हमारी यूनियन नए डायरेक्टर इंचार्ज से यह उम्मीद करती है कि वे कर्मचारियों व अधिकारियों के हितों का ध्यान रख टीम वर्क के साथ भिलाई इस्पात संयंत्र को पुनः सेल का सिरमौर संयंत्र बनाने की दिशा में कार्य करेंगे। इसमें भिलाई श्रमिक सभा ( H M S) पूरा सहयोग करेगी।