



भिलाई नगर निगम जोन 2 के कुरुद क्षेत्र में 18 साल बाद बनी 79 लाख की सड़क 3 दिन में उखड़ने लगी है। इस सड़क में अभी सीलकोट होना बाकी है, लेकिन उससे पहले ही गिट्टी उखड़कर पूरे सड़क पर बिखर रही है।



बता दें कि जिस सड़क का निर्माण 3 दिन पहले किया गया है, वो सड़क साईं मंदिर हाउसिंग बोर्ड एरिया से होते हुए सीधे गोकुल धाम के लिए जाती है। इस सड़क में बड़ी गाड़ियों से लेकर बाइक और कार चालकों का आना-जाना रहता है। पिछले महीने तक इस सड़क पर बड़े-बड़े गड्ढे थे।
ठेकेदार ने बरती निर्माण कार्य में लापरवाही
यहां के लोगों ने वैशाली नगर विधायक रिकेश सेन से सड़क की मांग की। उन्होंने सड़क की स्वीकृति तो दिला दी गई, लेकिन निगम के अधिकारी गुणवत्ता का ध्यान नहीं रख पाए।
लोगों का कहना है कि ठेकेदार ने शुरू से ही निर्माण कार्य में लापरवाही बरती। एक दिन में WBM (वॉटर बाउंड मैकाडम) बिछाकर रोलर चला दिया गया। जबकि यहां काफी ज्यादा मात्रा में रोलिंग करना था।
लोग बोले- कम डामर मिलाया
निर्माण के दौरान गुणवत्ता की परख करने के लिए निगम के अधिकारी भी नहीं पहुंचे। यहां के रहवासी कुलदीप शर्मा का कहना है कि WBM के ऊपर ठेकेदार ने पानी युक्त पतला इमल्शन डाला। इमल्शन का छिड़काव करने के लिए मशीन का उपयोग नहीं किया गया। साथ ही उसके बाद जो WMM वर्क किया गया, उसमें मानक से कम डामर मिलाया गया।
डामर की कमी होने से जैसे ही सड़क के ऊपर से गाड़ियां निकलनी शुरू हुई मात्र 3 दिन के अंदर ही सड़क की गिट्टी उखड़कर सड़क पर बिखरने लगी।
सड़क निर्माण पूरा नहीं हुआ- इंजीनियर
इस पर निगम के इंजीनियर अरविंद शर्मा का कहना है कि सड़क का निर्माण पूरा नहीं हुआ। गुणवत्ता की जांच की जा रही है, वहीं यहां के लोगों का कहना है कि ये सड़क इस बारिश को भी नहीं झेल पाएगी।
नहीं किया गया सही से WBM
डामर सड़क बनाने के दौरान डामर की परत चढ़ाने से पहले सड़क पर WBM वर्क किया जाता है। WBM का अर्थ होता है ‘वॉटर बाउंड मैकाडम’। यह पत्थर के टुकड़ों, मिट्टी और पानी से बनता है। यह सड़क के बेस कोर्स के रूप में उपयोग किया जाता है।
WBM सड़क का निर्माण करने के दौरान सबसे पहले, सब-बेस तैयार किया जाता है, फिर WBM को बेस कोर्स के रूप में लगाया जाता है। WBM में पत्थर के टुकड़ों को एक साथ बांधने के लिए पानी का उपयोग किया जाता है, और फिर इसमें रोलर चलाया जाता है।
साईं मंदिर की सड़क में WBM तो किया गया, लेकिन सही से रोलर चलाकर रोलिंग वर्क नहीं किया गया।
WMM वर्क में भी लापरवाही
किसी भी डामर सड़क पर WMM यानि “वेट मिक्स मैकाडम” की अहम भूमिका होती है। इसमें बिटुमिनस मैकाडम यानि डामर को पिघलाकर बड़े आकार की गिट्टी मिक्स कर उसका बेस तैयार किया जाता है।
इस बेस के ऊपर डामर और बारीक गिट्टी का मिक्स तैयार कर सीलकोट किया जाता है। इस परत (सीलकोट) के साथ सड़क निर्माण का कार्य पूरा होता है। लेकिन यहां WBM और WMM वर्क दोनों ही सही से नहीं किया गया।