छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार के 17 जून को ढाई साल पूरे हो जाएंगे। इसके साथ ही भाजपा सीएम की कुर्सी को लेकर ढाई-ढाई साल के कथित फार्मूले का मुद्दा जोरशोर से उठा रही है, लेकिन कांग्रेस आलाकमान ने साफ संकेत दे दिया है कि मुख्यमंत्री के पद में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। वैसे भी पंजाब में हुए विवाद को देखते हुए कांग्रेस नेतृत्व कोई जोखिम लेने को तैयार नहीं है। दरअसल, करीब 15 वर्ष बाद दिसंबर 2018 में छत्तीसगढ़ की सत्ता में आई कांग्रेस में सीएम की कुर्सी के कई दावेदार खड़े हो गए थे। इनमें भूपेश बघेल और टीएस सिंहदेव प्रमुख थे। दिल्ली में कई घंटों की मशक्कत के बाद भूपेश बघेल का नाम फाइनल हुआ। लेकिन दोनों के छत्तीसगढ़ लौटने से पहले यह चर्चा यहां पहुंच गई कि दोनों ढाई-ढाई साल के लिए सीएम रहेंगे।ढाई साल पूरा होने को है।
तब इस मामले में मुख्यमंत्री के करीबी नेताओं ने साफ किया है कि कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भूपेश बघेल को हरी झंडी दे दी है। कांग्रेस के उच्च पदस्थ सूत्रों की मानें तो राष्ट्रीय नेतृत्व के निर्देश पर पार्टी के विधायकों से सरकार के कामकाज को लेकर फीडबैक लिया है। बस्तर और सरगुजा के करीब 17 विधायकों को छोड़कर अधिकांश विधायकों ने ढाई साल के काम को बेहतर बताया है।इस रिपोर्ट के बाद ही कांग्रेस के छत्तीसगढ़ प्रभारी पीएल पुनिया ने कहा कि प्रदेश में कोई बदलाव नहीं होने जा रहा है। सरकार बनते समय ढाई-ढाई साल का कोई फार्मूला भी नहीं था। हालांकि इस मामले में कैबिनेट मंत्री टीएस सिंहदेव ने भी साफ किया कि वे वर्तमान में भूपेश बघेल मंत्रिमंडल के सदस्य हैं। केंद्रीय संगठन जो भी निर्देश देगा उसका वे पालन करेंगे।’सरकार का कामकाज पूरी तरह बेहतर चल रहा है। जिन वादों के साथ सरकार बनी है, उसे पूरा किया जा रहा है। विपक्षी दलों की तरफ से भ्रम फैलाने के लिए ढाई-ढाई साल की बात कही जा रही है, जो पूरी तरह निराधार है।’