देश में कोयले की कमी नहीं तो ट्रेनें क्यों हुईं रद्द? सीएम बघेल

देश में कोयले की कमी नहीं तो ट्रेनें क्यों हुईं रद्द? सीएम बघेल

रायपुर देश में  कोयले की कमी को लेकर विपक्ष ने अब केंद्र सरकार को निशाने पर लेना शुरू कर दिया है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इसे लेकर सवाल उठाए हैं। बता दें कि बिजली संकट के मद्देनजर कोयला सप्लाई करने के लिए कई ट्रेनें रद्द की गई हैं, इसे लेकर ही बघेल ने सरकार को घेरा है।

सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि अगर कोयले की कोई कमी नहीं है तो यात्री ट्रेन सेवाएं क्यों बंद कर दी गईं? छत्तीसगढ़ से 23 मालगाड़ियां कैंसिल हुई हैं, फिर रेल मंत्री से बात की तो 6 ट्रेनें चलाई गईं।

देश के कई राज्यों में ब्लैकआउट होने से बचाने के लिए रेलवे युद्ध स्तर पर कार्य कर रहा है। बिजली संयंत्रों के लिए कोयले की कम स्टॉक से निपटने के लिए जहां मालगाड़ी की लदान व रफ्तार बढ़ा दी गई है तो वहीं रेलवे ने कोयले की गाड़ियों की तेज आवाजाही के लिए देशभर में 753 (फेरे) यात्री ट्रेनों को रद्द कर दिया है।

देश में गहराते बिजली संकट के बीच कोयले की कमी को देखते हुए रेलवे ने कोयले से लदी मालगाड़ियों की संख्या बढ़ा दी है। इन मालगाड़ियों के परिवहन में किसी तरह का व्यवधान नहीं पड़े इसे देखते हुए अगले एक महीने तक कई रूट पर ट्रेनों को निरस्त कर दिया गया है।

इनमें मेल व एक्सप्रेस ट्रेन की बात करें तो  कुल 13 जोड़ी (अप/डाउन) ट्रेन शामिल हैं। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे की यह ट्रेन 24 मई तक के लिए निरस्त की गई है।इसी तरह पैसेंजर ट्रेन की बात करें तो कुल 8 जोड़ी ट्रेन निरस्त रहेंगी।

रेलवे अधिकारियों के अनुसार कुल 21 जोड़ी ट्रेन अगले महीने तक निरस्त की गई है। फेरे के हिसाब से 753 एक्सप्रेस व पैसेंजर ट्रेनों को निरस्त किया गया है। निरस्त की गई ट्रेन रूट के यात्रियों को मुश्किल का सामना करना पड़ेगा। इन ट्रेनों को इसलिए रद्द किया गया, ताकि थर्मल पावर स्टेशनों को कोयले की आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके।

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