रिश्वत लेते पकड़ाया बिजली विभाग का अधीक्षण यंत्री

लोकायुक्त पुलिस भोपाल ने अधीक्षण यंत्री अजय प्रताप सिंह जादौन को एक लाख स्र्पये रिश्वत लेते पकड़ा है। गुरुग्राम निवासी एक कंपनी की ऊर्जा सलाहकार की शिकायत पर यह कार्रवाई की गई।

जादौन ने 15 लाख रुपये रिश्वत मांगी थी। टोकन राशि के तौर पर उसने बुधवार को एक लाख रुपये लिए थे।

लोकायुक्त पुलिस के अनुसार, सोहना रोड गुरुग्राम निवासी अस्मिता पाठक ने लोकायुक्त भोपाल के पुलिस अधीक्षक से 20 सितंबर को शिकायत की थी कि वह दर्श रिन्युअल प्रालि के लिए ऊर्जा सलाहकार का कार्य करती हैं। कंपनी का सिंगरौली में 25 मेगावाट सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट के चार्जिंग का काम है।

चार्जिंग, विद्युत ठेकेदारी लायसेंस और कंपनी के 22 लाख रुपये के बकाया बिल की स्वीकृति के लिए जादौन ने 15 लाख की रिश्वत मांगी थी। जादौन ने पहली किस्त के रूप में एक लाख रुपये मांगे।

सतपुड़ा भवन स्थित जादौन के तीसरी मंजिल पर बने कक्ष में रिश्वत की राशि लेकर पहुंची। जादौन ने कार्यालय समय के बाद अपने वाहन क्रमांक एमपी 09-सीजेड 1337 में यह राशि रखवाने को कहा।

कार्यालय के समय के बाद जादौन अपने साथ पाठक को लेकर कार तक गया और गाड़ी में रखे काले बैग में रिश्वत की राशि रखवा ली। इसके बाद जादौन काफी देर तक बाहर घूमता रहा। वह टोह ले रहा था कि कोई ट्रैप तो नहीं कर रहा है।

जब वह संतुष्ट हो गया कि कोई नहीं है तो कार में बैठकर जाने लगा। इसी दौरान लोकायुक्त उप पुलिस अधीक्षक सलिल शर्मा एवं सूर्यकांत अवस्थी की टीम ने उसे पकड़ लिया।

 

मालूम हो, आठ जुलाई को ऊर्जा मंत्री ने जादौन के कार्यालय के निरीक्षण में काफी अनियमितता पाई थी। इस पर कारण बताओ नोटिस भी दिया गया था।

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