


रायपुर: छत्तीसगढ़ राज्य सूचना आयोग ने आरटीओ दुर्ग अतुल विश्वकर्मा पर आवेदक को समय पर अभिलेखों का अवलोकन नहीं कराने के कारण रुपए 25000 का अर्थदंड किया है ।


दुर्ग निवासी गुलाब चंद सोनी ने दिसंबर 2019 में दुर्ग आरटीओ कार्यालय में सूचना का अधिकार का आवेदन पेश कर अभिलेखों का अवलोकन करना चाहा था, परंतु उन्हें ना तो कोई सूचना दी गई और ना ही इन दस्तावेजों का अवलोकन करवाया गया, जिससे क्षुब्ध होकर श्री गुलाबचंद सोनी ने फरवरी 2020 में राज्य सूचना आयोग को शिकायत की थी।
आवेदन की अवधि में अतुल विश्वकर्मा आरटीओ दुर्ग ही कार्यालय के जन सूचना अधिकारी थे, जिन्हें आयोग ने शो कॉज नोटिस जारी कर तलब भी किया था, जिसके द्वारा पेश जवाब से कार्यालय के वर्ग 2 के लिपिक सत्येंद्र सोनी तथा अधिकारी एस.के. दास को जिम्मेदार होना बताते हुए गोलमोल जवाब भी पेश किया गया, जिससे आयोग संतुष्ट नहीं हो सका।
जन सूचना अधिकारी ने कोरोना काल में छुट्टी को लेकर भी आयोग को गुमराह करने की कोशिश की, जिसे भी आयोग ने नहीं माना बल्कि अतुल विश्वकर्मा को ही दोषी माना।
राज्य सूचना आयुक्त मनोज त्रिवेदी ने 11 जुलाई 2022 को आदेश पारित करते हुए कलेक्टर रायपुर को निर्देश दिए हैं कि अतुल विश्वकर्मा जो कि वर्तमान में अनुविभागीय अधिकारी राजस्व आरंग जिला रायपुर में पदस्थ हैं, से अर्थदंड ₹25000 की वसूली कर शासकीय कोष में जमा कराने का निर्देश दिया है।
यह पहला मामला है जिसमें अवलोकन समय पर नहीं कराने के कारण आरटीओ कार्यालय दुर्ग के जन सूचना अधिकारी पर रुपये 25000 का अर्थदंड हुआ है।