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पाकिस्तानी महिला बनी सरकारी शिक्षक: बरेली में नौ साल से कर रही थी नौकरी, विभाग ने किया बर्खास्त, रिपोर्ट दर्ज

पाकिस्तानी महिला ने फर्जी दस्तावेज से बेसिक शिक्षक की नौकरी हासिल कर ली। उसने बरेली के फतेहगंज पश्चिमी विकास खंड क्षेत्र में तैनाती भी पा ली। जांच में फर्जीवाड़ा साबित होने के बाद उसे अक्तूबर में निलंबित कर दिया गया था। विभाग ने अब उसकी सेवा समाप्त कर दी। उसके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। जल्द उसे गिरफ्तार भी किया जा सकता है।

रामपुर शहर के बजरोही टोला में गली नंबर चार के मकान नंबर 20 की निवासी शुमायला खान पुत्री एसए खान पर यह कार्रवाई हुई है। फतेहगंज पश्चिमी ब्लॉक के खंड शिक्षा अधिकारी भानु शंकर गंगवार ने उसके खिलाफ फतेहगंज पश्चिमी थाने में धोखाधड़ी से नागरिकता छुपाने व फर्जी दस्तावेजों से नौकरी हासिल करने की रिपोर्ट दर्ज कराई है।

पाकिस्तानी मूल की है महिला 
बताया गया है कि शुमायला खान ने फर्जी दस्तावेज तैयार करके बेसिक शिक्षा विभाग में सहायक शिक्षक की नौकरी हासिल कर ली। वह प्राथमिक विद्यालय माधौपुर में साल 2015 से सहायक अध्यापक के पद पर कार्यरत थी। उसकी नागरिकता को लेकर शिकायत की गई थी। आरोप था कि वह पाकिस्तानी नागरिक है।

इस मामले में विभाग ने उसके प्रमाणपत्रों का सत्यापन कराया था। एसडीएम सदर रामपुर से अपेक्षा की गई थी कि उनके कार्यालय से जारी बताया जा रहा सामान्य निवास प्रमाणपत्र की जांच करके रिपोर्ट दें। एसडीएम की जांच में साफ हुआ कि शुमायला का यह प्रमाणपत्र त्रुटिपूर्ण है, इसे बनवाने में जानकारी छुपाई गई है और शुमायला वास्तव में पाकिस्तानी नागरिक है।

शुमायला खान का निवास प्रमाणपत्र पिछली साल निरस्त कर दिया गया। बेसिक शिक्षा विभाग ने कई बार शिक्षिका से स्पष्टीकरण मांगा लेकिन प्रमाण पत्र की सत्यता साबित न हो सकी। बीएसए ने तीन अक्तूबर 2024 को शुमायला खान को निलंबित कर दिया था। उसकी सेवा भी समाप्त कर दी गई है। अब बीएसए के निर्देश पर बीईओ भानु शंकर गंगवार ने रिपोर्ट दर्ज करा दी है। फतेहगंज पश्चिमी थाना पुलिस मामले में जांच कर रही है। शुमायला की गिरफ्तारी भी की जा सकती है।

नौ साल से कर रही थी नौकरी
पाकिस्तानी नागरिक शुमायला ने फर्जी दस्तावेजों से 2015 में बरेली में नौकरी हासिल की थी। वह तभी से प्राथमिक विद्यालय माधौपुर में सहायक अध्यापक के पद पर तैनात थी। इतने साल से वह लाखों रुपये वेतन ले चुकी थी। अब उसे नियुक्ति तिथि से पद से हटा दिया गया। विभाग ने वेतन आदि भत्ते की रिकवरी की कार्रवाई भी शुरू कर दी है।

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