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हिंसा प्रभावित खरगोन में शादियों पर दंगे की मार

खरगोन  मध्य प्रदेश के हिंसा प्रभावित खरगोन में हालात धीरे-धीरे पटरी पर लौट रहे हैं। प्रशासन भी अब कर्फ्यू में ढील दे रहा है, बावजूद इसके लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। शादियां रद्द  हो रही हैं। बहुत से परिवार अपनी बेटियों की शादी हिंसा प्रभावित इलाकों में करने से इनकार कर रहे हैं।

संजय नगर के शेखल पाटिल जो पेशे से बिजली मिस्त्री हैं, वे कहते हैं कि 10 अप्रैल को हुई हिंसा में उनका घर पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। अब उनका पूरा परिवार मोतीपुरा में किराए के मकान में रहता है। शेखर बताते हैं कि उनकी सगाई सेगांव की रहने वाली लड़की से हुई थी, लेकिन अब ससुराल वाले चिंतित हैं।शेखर के अनुसार, यहां के माहौल को देखते हुए उन्होंने सगाई तोड़ने का फैसला लिया है।

वहीं एक रिश्तेदार का कहना है कि अगर रिश्ते को बचाना है तो दूसरे इलाके में चले जाओ, तब ही शादी हो सकती है। हालांकि कर्फ्यू में अब ढील दी जा रही है, बावजूद इसके लोग ये सोचने को मजबूर हैं कि हिंसा प्रभावित इलाके में रहे या कहीं और चले जाएं।वहीं, संजय नगर के राहुल कुमावत जो सब्जी विक्रेता हैं, वे कहते हैं कि उनकी और उनकी बहन की शादी 3 मई को होनी है। सामूहिक विवाह कार्यक्रम में शादियां होनी है। उन्हें उम्मीद है कि यह शादी पूरी हो जाएगी।

राहुल के अनुसार, उसने अपने ससुराल वालों से वादा किया है कि वह शादी के बाद दूसरे इलाके में रहने चल जाएगा।हिंसा में घायल शिवम शुक्ला की बहन की शादी अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया है। फिलहाल शिवम का इलाज इंदौर के एक निजी अस्पताल में चल रहा है। शिवम की हालत स्थिर है।

परिवार वालों का कहना है कि अब उसकी सेहत में पहले से सुधार है, उम्मीद है कि वह जल्द ही ठीक हो जाएगा।गौरतलब है कि कोविड के झटके से होटल, बैंड और कैटरर्स, जो बमुश्किल उबर रहे थे, लेकिन रामनवमी के दिन खरगोन में हुई हिंसा के कारण अब रद्दीकरण और स्थगन के प्रकोप से जूझ रहे हैं।

उन्हें उम्मीद थी कि इस बार व्यापार में उछाल आएगा लेकिन दंगे ने उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया है।बता दें कि 10 अप्रैल को रामनवमी के दिन खरगोन में करीब 10 घरों को फूंक डाला गया था। इस घटना में एसपी सिद्धार्थ समेत कई लोग घायल हुए थे।

पुलिस-प्रशासन के अनुसार, अब तक इस मामले में 27 मामले दर्ज किए गए हैं। 100 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। वहीं राज्य सरकार ने कहा है कि नुकसान की भरपाई दंगाइयों से ही की जाएगी। इसके लिए दो सदस्यीय दावा न्यायाधिकरण का गठन किया गया है।

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