



कोलकाता। राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) की अध्यक्ष विजया राहटकर ने रविवार को मुर्शिदाबाद हिंसा के संदर्भ में हैरान करने वाली जानकारी साझा की। बताया कि कुछ महिलाओं से तो दंगाइयों ने यहां तक कहा कि वह अपनी बेटियों को दुष्कर्म के लिए भेज दें।



कोलकाता में संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने कहा कि महिलाओं को उनके घरों से घसीटा गया, उन पर क्रूरता से हमला किया गया और अमानवीय तरीके से धमकाया गया। हिंसा के दौरान उन्होंने जो कुछ भी सहा, वह कल्पना से परे है। उनका दर्द अकल्पनीय है।
पीड़ितों की सुरक्षा करना बंगाल सरकार की जिम्मेदारी
अध्यक्ष ने कहा कि यह मुद्दा राजनीति से ऊपर है और इसे तत्परता और गंभीरता से लिया जाना चाहिए। मुर्शिदाबाद हिंसा पीड़ितों की सुरक्षा और न्याय सुनिश्चित करना बंगाल सरकार की जिम्मेदारी है। उन्होंने 18-19 अप्रैल को बंगाल के मालदा और मुर्शिदाबाद के हिंसा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। कहा कि यह दुखद है कि पीड़ितों को अपने ही देश में राहत शिविरों में शरणार्थियों की तरह रहने के लिए मजबूर किया जा रहा है।
बीएसएफ जवान बने महिलाओं के रक्षक
11 अप्रैल को मुर्शिदाबाग में भड़की हिंसा
11 अप्रैल को मुस्लिम बहुल मुर्शिदाबाद जिले में वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा में उपद्रवियों ने सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने के साथ लोगों के घरों व दुकानों में तोड़फोड़, लूटपाट व आगजनी की थी। हिंसा में तीन लोगों की मौत हो गई थी जबकि अनेक लोग घायल हो गए थे। हजारों लोगों को घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर जाना पड़ा।