



प्रयागराज। कांग्रेस नेता व नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को भारतीय सैनिकों के खिलाफ की गई टिप्पणी के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फटकार लगाई है। हाईकोर्ट ने कहा कि अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर सेना का अपमान नहीं किया जा सकता है।



दरअसल, राहुल गांधी ने 2022 में भारत जोड़ो यात्रा के दौरान भारतीय सेना पर कथित अपमानजन टिप्पणी की थी। इस मामले में लखनऊ की एक अदालत ने समन जारी किया था, जिसके खिलाफ राहुल गांधी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। हाईकोर्ट ने यह टिप्पणी याचिका को खारिज करते समय की।
राहुल गांधी सैनिकों की कथित पिटाई के बारे में कहा था…
राहुल गांधी ने कहा था कि मीडिया भारत जोड़ो यात्रा के दौरान अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बारे में पूछेगी। वह लोगों का ध्यान भटकाने की पूरी कोशिश करेगी। वह चीन ने 2000 वर्ग किलोमीटर भारतीय क्षेत्र पर कब्जा कर लिया, 20 भारतीय सैनिकों को मारने के बारे में चुप हैं। अरुणाचल प्रदेश में हमारे सैनिकों की पिटाई करने के बारे में शांत हैं।
बीआरओ के पूर्व निदेशन ने की शिकायत
सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के पूर्व निदेशक उदय शंकर श्रीवास्तव ने राहुल गांधी की टिप्पणी के खिलाफ मानहानि की शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायतकर्ता का आरोप है कि राहुल गांधी ने सैनिकों का अपमान किया है। उन्होंने अपमानजक भाषा में चीनी सेना अरुणाचल प्रदेश में हमारे सैनिकों की पिटाई की बात कही है।
राहुल गांधी के तर्क हाईकोर्ट ने किए खारिज
- राहुल गांधी की तरफ से हाईकोर्ट में याचिका पर कहा गया कि भारतीय सेना का शिकायतकर्ता से कोई लेना-देना नहीं है। वह इसका अधिकारी भी नहीं है। ऐसे में वह पीड़ित भी नहीं हुआ। हाईकोर्ट ने उनके इस तर्क को खारिज करते हुए कहा कि दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 199(1) कहती है कि किसी अपराध के प्रत्यक्ष पीड़ित के अलावा भी किसी दूसरे व्यक्ति को पीड़ित माना जा सकता है।
- मानहानि का मुकदमा दायर करने वाले अपराध से पीड़ित माने जाएंगे, क्योंकि वह सीमा सड़क संगठन का सेवानिवृत्त निदेशक हैं। यह कर्नल के समकक्ष पद होता है।
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