



इस्लामाबाद: पाकिस्तान ने अमेरिका को साधने के बाद अब अफगानिस्तान में भारत को घेरने की तैयारी शुरू कर दिया है। इसके लिए पाकिस्तान इस महीने के अंत में अफगानिस्तान के तालिबान विरोधी नेताओं की एक बैठक बुलाने की तैयारी कर रहा है। यह पहला मौका होगा, जब पाकिस्तान तालिबान विरोधी धड़े को साधने की कोशिश करेगा। इसमें पंजशीर के शेर के नाम से मशहूर अहमद शाह मसूद के बेटे अहमद मसूद भी शामिल हो सकते हैं। हालांकि, इससे तालिबान और पाकिस्तान के संबंध और ज्यादा बिगड़ सकते हैं। दोनों पक्षों में पहले से ही तनाव है, जिसका असर पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा पर देखने को मिल रहा है।



अफगानिस्तान में भारत की पहुंच होगी कम
न्यूज 18 की रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि पाकिस्तान के इस कदम का मकसद तालिबान शासन पर दबाव बनाना और काबुल में भारत के प्रभाव को कम करना है। रिपोर्ट में बताया गया है कि तालिबान विरोधी नेताओं को एक मंच पर लाकर पाकिस्तान का लक्ष्य अफगानिस्तान में भारत को कमजोर करना है। सूत्रों का कहना है कि अगर अफगानिस्तान में हालात बिगड़ते हैं तो काबुल में भारत का कोई मजबूत सहयोगी नहीं होगा। इससे भारत की पहुंच कमजोर होगी और तालिबान पर दबाव बढ़ेगा।
तालिबान विरोधी नेता होंगे शामिल
रिपोर्ट में बताया गया है कि इस बैठक में अफगानिस्तान में तालिबान के कई विरोधी नेताओं के शामिल होने की उम्मीद है। इसमें यूनिस कानूनी, मोहम्मद मोहकिक, अत्ता मोहम्मद नूर और सलाहुद्दीन रब्बानी शामलि हैं। ऐसी भी अटकलें हैं कि इस बैठक में पंजशीर के शेर अहमद शाह मसूद के बेटे अहमद मसूद भी शामिल होंगे। हालांकि, पारंपरिक रूप से पाकिस्तान और मसूद एक दूसरे के विरोधी रहे हैं और पंजशीर पर तालिबान के कब्जे में पाकिस्तान ने सैन्य मदद की थी।
पाकिस्तान में विरोधियों का ऑफिस बनाने की तैयारी
सूत्रों का कहना है कि इस चर्चा से प्रतिरोध परिषद के लिए पाकिस्तान में तालिबान विरोधी दलों का एक औपचारिक कार्यालय स्थापित करने पर बात हो सकती है। यह तालिबान के राजनीतिक ब्यूरो की तरह काम करेगा, जिसे कतर की राजधानी दोहा में स्थापित किया गया था। यहीं से तालिबान ने अमेरिका समेत कई पश्चिमी देशों और खाड़ी देशों के साथ वार्ताएं की थी और अफगानिस्तान में लड़ाई से इतर खुद के लिए जमीन तैयार की थी।
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