



ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमला करने गए बी-2 बॉम्बर्स के समूह का एक विमान अभी तक अपने एयरबेस नहीं लौटा है। इसे लेकर रहस्य गहरा गया है। यूरेशियन टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका के सभी B-2 बॉम्बर्स अब तक एयरफोर्स के बेस पर नहीं लौटे। इसमें ईरान पर हमलों के लिए गया एक स्टील्थ बी-2 बाम्बर को लेकर कई तरह का दावा किया जा रहा है।



एक दावे में कहा गया है कि यह स्टील्थ बी-2 बॉम्बर अब तक हवाई में फंसा हुआ है। जबकि कुछ दावों में एक बी-2 बॉम्बर के गायब होने की बात सामने आ रही है। इसने गत 21 जून को अमेरिका के मिसौरी स्थित व्हाइटमैन एयर फोर्स बेस से उड़ान भरी थी। इस दौरान दो समूहों में B-2 स्पिरिट स्टील्थ बॉम्बर्स ने उड़ान भरी थी।
किस समूह में थे कितने बी-2 बॉम्बर्स
ईरान पर हमले से पहले मिसौरी से उड़ान भरने वाले बी-2 बॉम्बर्स के पहले समूह में विमानों की संख्या गुप्त रखी गई थी। यह समूह प्रशांत महासागर के ऊपर पश्चिम दिशा में रवाना हुआ। माना जा रहा है कि वे गुआम के सामरिक एयरबेस की ओर गए। वहीं दूसरे समूह में B-2 बॉम्बर्स की संख्या 7 बताई गई। जो कि पूर्व दिशा में उड़ान भरकर सीधे ईरान के दो परमाणु ठिकानों फोर्डो और नतान्ज पर हमला करने गए। इन सात बॉम्बर्स ने 14 GBU-57 MOP बंकर बस्टर बम गिराए और लगातार 37 घंटे की उड़ान के बाद सुरक्षित अपने ठिकाने पर लौट आए।
पहला समूह कहां गया?
कहा जा रहा है कि बी-2 स्टील्थ बॉम्बरों का पहला समूह अमेरिका ने ईरान को भ्रमित करने के लिए भेजा था। यह एक तरह से उसकी धोखे की रणनीति थी। इसमें हवाई में टेक्निकल फॉल्ट बताकर एक बी-2 बॉम्बर की आपात लैंडिंग भी उसी रणनीति का हिस्सा है। हालांकि पहले समूह के बारे में अभी तक कोई आधिकारिक जानकारी नहीं है। यह समूह ईरान को भ्रमित करने के लिए एक रणनीतिक कदम के रूप में भेजा गया था। मगर वे विमान अब कहां हैं, इस बारे में किसी को कुछ भी नहीं पता।
एक बी-2 बॉम्बर हवाई में
कहा जा रहा है कि इस समूह में शामिल कम से कम एक B-2 बॉम्बर को तकनीकी खराबी के कारण हवाई के डैनियल के. इनोए इंटरनेशनल एयरपोर्ट (जो हिकम एयर फोर्स बेस से जुड़ा है) में आपात लैंडिंग करनी पड़ी। यह स्टील्थ बॉम्बर तब से वहीं फंसा हुआ है। ईरान-इजरायल युद्ध के बीच, 21 जून को मीडिया में यह खबर आई कि अमेरिका के B-2 बॉम्बर्स गुआम भेजे जा रहे हैं। वहीं एक अन्य अंतरराष्ट्रीय मीडिया ने दो अमेरिकी अधिकारियों के हवाले से बताया कि B-2 विमानों को प्रशांत क्षेत्र में रणनीतिक रूप से तैनात किया जा रहा है।
क्या कहता है फ्लाइट ट्रैकिंग डेटा
फ्लाइट ट्रैकिंग डेटा से पता चला कि “Mytee 11” और “Mytee 21” कॉल साइन वाले B-2 विमान व्हाइटमैन बेस से उड़ान भर चुके हैं, जिनके साथ एरियल रिफ्यूलिंग टैंकर्स भी थे। मगर अगली सुबह ईरान के परमाणु ठिकानों पर सफल हमले की खबर आई। यह दूसरे गुप्त समूह द्वारा किया गया हमला था, जो पूरी तरह रेडियो साइलेंस में उड़ान भर रहा था।
वायरल वीडियो की क्या है सच्चाई
बी-2 बॉम्बर को लेकर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसे एक नागरिक द्वारा हवाई एयरपोर्ट पर खड़े एकांत और संरक्षित B-2 बॉम्बर का वीडियो बता कर बनाया गया है। यह सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। यह अभियान अमेरिकी रणनीति की एक उत्कृष्ट मिसाल है, जिसमें खुले स्रोत इंटेलिजेंस (OSINT) को ही हथियार बना कर दुश्मन को भ्रमित किया गया। जब एक समूह ने मीडिया और ट्रैकर्स को चकमा दिया, दूसरा समूह शांतिपूर्वक ईरान में घुसकर सटीक बमबारी कर लौटा। वहीं, हवाई में फंसा एक B-2 बॉम्बर अब रहस्य और चिंता का विषय बना हुआ है।