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बांग्लादेश में होगा तख्तापलट? बांग्लादेश आर्मी चीफ ने उठाया बड़ा कदम, मोहम्मद यूनुस के खिलाफ फैसला ले सकते हैं जनरल जमान

ढाका: बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस और देश के सेना प्रमुख जनरल वकार उज-जमान के बीच दरार बढ़ती जा रही है। इस बीच सेना प्रमुख जनरल जमान ने तत्काल कमांडरों की एक अहम बैठक बुलाई है। बांग्लादेश आर्मी चीफ अब चुनाव को लेकर मोहम्मद यूनुस को समय देने को तैयार नहीं हैं और चाहते हैं कि जल्द से जल्द चुनाव की घोषणा हो। उनकी सबसे बड़ी चिंता विदेशी हस्तक्षेप के कारण अस्थिरता है। न्यूज 18 ने सेना के सूत्रों के हवाले से ये जानकारी दी है।

सूत्रों ने बताया कि जनरल जमान की योजना देश की दो प्रमुख राजनीतिक पार्टियों शेख हसीना की अवामी लीग और खालिदा जिया की बांग्लादेश नेशलिस्ट पार्टी (बीएनपी) को साथ लाना और देश के लिए चुनाव में हिस्सा लेने के लिए तैयार करना है। सेना की सबसे बड़ी चिंता यूनुस सरकार के कार्यकारी आदेशों के जरिए कैदियों की रिहाई है। सूत्रों का कहना है कि बांग्लादेश की सेना का बड़ा हिस्सा जनरल जमान के पूरी तरह साथ है।

सेना में फूट डाल रहे मोहम्मद यूनुस

जनरल जमान की दूसरी बड़ी चिंता मोहम्मद यूनुस को लेकर है, जो सेना में विभाजन का प्रयास कर रहे हैं। हाल ही में उन्होंने सेना प्रमुख की अनुपस्थिति में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार की नियुक्ति की थी, जिससे इन प्रयासों को बल मिला है। मोहम्मद यूनुस ने अपने विश्वासपात्र खलीलुर रहमान को एनएसए बनाया है। खलीलुर रहमान अमेरिकी नागरिक हैं और म्यांमार में सैन्य अभियान को लेकर अमेरिकी प्लान में शामिल होने के लिए को लेकर बांग्लादेश की सेना पर दबाव बना रहे हैं।

जमान के विरोधी जनरल के साथ एनएसए की बैठक

हाल ही में क्वार्टर मास्टर जनरल लेफ्टिनेंट जनरल फैजुर रहमान ने खलीलुर रहमान के साथ बंद कमरे में बैठक की थी। रहमान को जनरल जमान के विरोधी खेमे का माना जाता है। सूत्रों का कहना है कि नये एनएसए और यूनुस की कोशिश सेना प्रमुख को हटाने की होगी, लेकिन ज्यादातर कमांडर जनरल जमान के साथ हैं। इस बीच सेना प्रमुख ने साफ कर दिया है कि वह किसी दबाव में नहीं आएंगे। उन्होंने अपने कार्यालय या घर की ओर किसी भी विरोध प्रदर्शन को रोक दिया है।

आर्मी चीफ ने शुरुआत में मोहम्मद यूनुस की मदद करने की कोशिश की थी, लेकिन उन्हें जल्द समझ आ गया कि यूनुस विदेशी हाथों की कठपुतली हैं और लंबे समय तक बिना चुनाव के सत्ता में बने रहना चाहते हैं। सेना प्रमुख जल्द चुनाव चाहते हैं। लोकतंत्र की खातिर एक साथ चुनाव लड़ने के लिए उन्होंने सभी दलों के साथ बैकचैनल बना लिए हैं।

बांग्लादेश की सेना में विभाजन

जनरल जमान को जून 2024 में तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना के कार्यकाल में सेना प्रमुख नियुक्त किया गया था। उन्हें भारत के साथ अच्छे रिश्तों के समर्थक और एक संतुलित सैन्य अधिकारी के रूप में देखा जाता है। सेना में उनके खिलाफ खेमे की अगुवाई लेफ्टिनेंट जनरल मोहम्मद फैजुर रहमान कर रहे हैं। रहमान को इस्लामिक कट्टरपंथियों और पाकिस्तान परस्त लोगों का समर्थन हासिल है।

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