



झांसी: यूपी के झांसी जिले के तोड़ी फतेहपुर पंचायत ने तुगलकी फरमान सुनाते हुए एक परिवार का हुक्का पानी बंद कर दिया. परिवार की बेटी जो यूपी पुलिस में सिपाही है उसने दूसरी जाति के दरोगा से अंतर्जातीय विवाह कर लिया है. महिला सिपाही के दूसरी जाति में विवाह करने पर गांव में परिवार का सामाजिक बहिष्कार कर दिया गया है. इतना ही नहीं पीड़ित परिवार से बातचीत करने पर ग्रामीणों पर 50 हजार का जुर्माना भी लगा दिया है.



गांव के प्रधान की ओर से पंचायत कर समाज से अलग करने का फरमान सुनाया गया है. पीड़ित परिवार दूध बेचने का काम करता है और फरमान के बाद गांव के लोगों उससे दूध भी लेना बंद कर दिया है. तालिबानी फरमान से पीड़ित परिवार सदमें में हैं. साथ ही सामाजिक, मानसिक और आर्थिक परेशानियों का सामना कर रहा है. जिसको लेकर पीड़ित ने तोड़ी फतेहपुर थाने में शिकायत दर्ज कराई. पुलिस ने मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है.
पीड़ित ने पुलिस को शिकायती पत्र देते हुए बताया कि उसकी बेटी यूपी पुलिस में आरक्षी के पद पर तैनात है और वर्तमान में उसकी पोस्टिंग लखनऊ में है. मेरी बेटी ने 30 अप्रैल को उसके बचपन के दोस्त यूपी पुलिस में तैनात दरोगा से दोनों परिवारों की रजामंदी से अंर्तजातीय शादी कर ली है. मेरी पुत्री यादव व दरोगा पटेल समाज का है.
बेटी की शादी करने से हमारे ग्राम के प्रधान संतोष यादव के द्वारा जाति का विरोध किया जा रहा है. उसके परिवार पर 20 लाख रुपए जुर्माने की सजा सुनाई गई है. परिवार को पंचायत जोड़कर धमकी दी जा रही है अगर गांव का कोई भी व्यक्ति हमारे परिवार के किसी सदस्य से बात करता है तो 50 हजार जुर्माना देना पड़ेगा. गांव के अलावा उनके परिवार के सदस्यों पर भी हमसे दूर रहने और रिश्ता तोड़ने का दबाव बनाया गया.
पंचायत के फरमान के बाद अब उनके परिवार के सदस्य भी बातचीत नहीं कर रहे हैं. साथ ही पीड़ित पिता ने बताया कि हमारे परिवार को धमकी दी है कि जिसकी लड़की ने दूसरी जाति में शादी की उसे जूते मारकर गांव से निकाल देंगे. जिससे पूरा परिवार सदमें में है और मेरे परिवार को जान का खतरा है. गांव का प्रधान सन्तोष जो जाति का विरोध कर रहा है वो धन और बाहुबल से दंबंग है जिससे उसके खिलाफ कोई आगे नहीं आना चाहता है.
पीड़ित पिता ने कहा कि हमारे और भी भतीजे – भतीजी की शादी होने को है. गांव में हमको जाति से अलग कर दिया. यहां तक हमारी रोजमर्रा की चीजें रोक दी गई. दूध डेयरी पर दूध बंद कर दिया गया. उसने बताया कि वह एक मध्यवर्गीय किसान है जिसका खर्चा दूध बेचने से ही चलता है और उसी को बंद कर दिया गया है.
वहीं पूरे मामले पर थाना प्रभारी सत्य प्रकाश शर्मा ने बताया कि शिकायत करता पूर्व प्रधान रहे हैं. पंचायत कर फरमान सुनाए जाने वाला संतोष वर्तमान में प्रधान है और इन दोनों की राजनीतीज्ञ रंजिश चली आ रही है. पीड़ित परिवार की शिकायत पर मामला दर्ज कर जांच की जा रही है.