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सीएम योगी ने मंत्रियों संग संगम में खूब लगाई डुबकी

महाकुम्भ नगर : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को अपने मंत्रिमंडल के साथ संगम में पावन डुबकी लगाकर समूचे विश्व के कल्याण की कामना की। त्रिवेणी संकुल में बैठक के बाद अरैल घाट पर बनी जेटी से मोटरबोट में सवार होकर मंत्रिमंडल के सहयोगियों के साथ मुख्यमंत्री संगम पहुंचे। घाट पर बैंड की धुन पर बज रहे ‘मेरी झोपड़ी के भाग्य आज खुल जाएंगे’, ‘मईया ओ गंगा मईया’, ‘सजा लो घर को गुलशन सा’ और ‘तेरी मंद मंद मुसकनिया पर बलिहार राघव जी’ आदि भजनों के बीच मुख्यमंत्री खासे प्रसन्न दिखे।

संगम में भी सबसे पहले मुख्यमंत्री ने ही डुबकी लगाई और फिर बच्चों की तरह खुश होकर सभी सहयोगियों पर अंजुली से जल उछालने लगे। बीच-बीच में सतुआ बाबा भी डुबकी लगाने का आग्रह करते रहे। उत्साहित मुख्यमंत्री ने एक के बाद एक संगम में कई डुबकी लगाई। मुख्यमंत्री ने संगम में खड़े होकर भगवान भाष्कर को अर्ध्य दिया तो उनके साथ ही उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक और कई अन्य मंत्री भी अर्ध्य देते दिखाई पड़े।

आत्मिक शांति, धार्मिक समर्पण और समाज कल्याण का संदेश

मुख्यमंत्री ने संगम स्नान को भारतीय संस्कृति और सनातन धर्म का प्रतीक बताते हुए कहा कि यह स्नान आत्मिक शांति, धार्मिक समर्पण और समाज कल्याण का संदेश देता है। त्रिवेणी संगम का स्नान केवल व्यक्तिगत शुद्धि नहीं, बल्कि समग्र लोक कल्याण का आह्वान है। महाकुम्भ 2025 के इस दिव्य आयोजन में दुनिया भर से करोड़ों श्रद्धालु आ रहे हैं और संगम में पावन डुबकी लगा रहे हैं। यह स्नान धर्म, संस्कृति और आस्था का संदेश देता है। महाकुम्भ भारतीय संस्कृति की दिव्यता और सार्वभौमिकता का प्रतीक है। संगम स्नान से जनमानस को यह संदेश मिलता है कि धर्म और संस्कृति की शक्ति से जीवन में शुद्धता और समृद्धि लाई जा सकती है।

दूसरी बार मंत्रिमंडल का संगम स्नान

योगी सरकार में यह दूसरा अवसर है, जब पूरे मंत्रिमंडल ने एक साथ कुम्भ में संगम स्नान किया है। इससे पूर्व 2019 में भी प्रयागराज में आयोजित कुम्भ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने पूरे मंत्रिमंडल के साथ संगम में आस्था की डुबकी लगाई थी। तब मुख्यमंत्री और समस्त मंत्रिमंडल के साथ अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरि और अन्य साधु संतों ने भी स्नान किया था।

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