यूपी सरकार में मंत्री और अपना दल एस के कार्यकारी अध्यक्ष आशीष पटेल प्राविधिक शिक्षा में विभागाध्यक्ष पदों पर हुए प्रमोशनों को लेकर विवादों में घिर गए हैं। अपना दल (कमेरावादी) की नेता और सिराथू की विधायक पल्लवी पटेल ने प्राविधिक शिक्षा विभाग में इन नियुक्तियों में व्यापक भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि वर्तमान सेवा नियमावली की अनदेखी कर पुरानी नियमावली के तहत भर्तियां करके यह घोटाला किया गया। प्रति व्यक्ति 25 लाख रुपए लेकर सीधी भर्ती के बजाय 250 लेक्चररों को प्रमोशन दिया गया, जो नियमों का स्पष्ट उल्लंघन है। एआईसीटीई के नियमों को भी दरकिनार कर दिया गया। पल्लवी ने कहा कि वह इस मुद्दे को सोमवार से शुरू हो रहे शीतकालीन सत्र में विधानसभा में उठाएंगी।



उन्होंने आरोप लगाया कि अयोग्य लोगों को विभागाध्यक्ष बनाया गया है। रविवार को हजरतगंज स्थित सरदार वल्लभ भाई पटेल की प्रतिमा के सामने मीडिया से बातचीत में विधायक पल्लवी पटेल ने बताया कि 2017 के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद से भर्तियां उत्तर प्रदेश चयन सेवा आयोग के माध्यम से होनी चाहिए थीं। इसके बावजूद पदोन्नति के जरिए पद भर दिए गए। उन्होंने आरोप लगाया कि इस भर्ती में प्रत्येक अभ्यर्थी से धन वसूली की गई है, जिससे सरकार पर 50 करोड़ रुपये का वार्षिक अतिरिक्त बोझ पड़ा है।
सोशल मीडिया में प्रतिक्रियाओं की बाढ़
इस मुद्दे पर सोशल मीडिया में तीखी प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। कई पोस्ट्स में आरोप लगाया गया है कि प्रदेश के सरकारी पॉलीटेक्निक कॉलेजों में सीधी भर्ती के बजाय प्रमोशन से विभागाध्यक्ष नियुक्त किए गए। आरोप है कि मौजूदा नियमों के अनुसार इन पदों पर सीधी भर्ती होनी चाहिए थी, जिससे आरक्षण का लाभ मिलता। इसकी बजाय प्रदेश भर में लेक्चररों को सीधे विभागाध्यक्ष के पद पर प्रमोट कर दिया गया। इसमें केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के अधीन तकनीकी शिक्षा की सर्वोच्च संस्था एआईसीटीई के नोटिफिकेशन के उल्लंघन का भी आरोप लगाया जा रहा है।