






दम है रेल अधिकारियों की बातों में
रेल अधिकारियों का कहना था कि शार्ट सर्किट होने पर हमारे यहां आपूर्ति खुद से बाधित हो जाती है। विद्युत इंजीनियरों ने आग की घटनाएं रोकने के लिए ऐसे उपकरण लगाए हैं। शुक्रवार की रात ऐसा नहीं हुआ तो सवाल उठना लाजिमी है।

कैंट स्टेशन के कर्मचारी पार्किंग में जली पड़ी गाड़ियों में नंबर प्लेट खोजते कर्मचारी।
ट्रेन पलटाने की कोशिशों से गहराई आशंका
इधर कुछ माह से ट्रेन पलटाने की देश में कई कोशिशें की जा चुकी है। अवांछनीय तत्वों ने इसके लिए ट्रेन पर लकड़ी का बोटा, एलपीजी सिलिंडर, बोल्डर आदि रख चुके हैं। हालांकि, ऐसी घटनाएं वाराणसी में नहीं हुई, लेकिन अफसर चाहते हैं कि एक बार जांच हो जाए।
फोरेंसिंक जांच से स्पष्ट होगी तस्वीर
विशेषज्ञों का कहना है कि फोरेंसिक टीम की जांच में बहुत से क्लू सामने आ सकते हैं। अलग-अलग बाइकों की चेकिंग में यह सामने आ सकती है कि ब्लास्ट टंकियों के पीछे की आखिर वजह क्या रही? आग में चेसिस नंबर तक गल जाने से सवाल उठ रहे थे।
कैंट स्टेशन के कर्मचारी पार्किंग में जली पड़ी गाड़ियों के बीच में जली साइकिल देख करके रोती पिंकी सिंह ।
दोस्ती की निशानी थीं बुलेट, फिर से एक साथ खरीदेंगे
आग की लपटें ठंडा होने के बाद चंदौली के मुगलसराय निवासी फहीम अहमद और नदेसर निवासी दीपक पहुंचे तो अपनी-अपनी बुलेट पर हाथ फेरते रहे। उनकी आंखों में आंसू स्पष्ट दिखाई दे रहे थे। दरअसल, दोनों जली बुलेट नहीं दोनों दोस्तों की निशानी थी। बताया कि हमने एक साथ ही बुलेट खरीदी थी। दोनों रेल कर्मचारी हैं। बताया कि हम फिर से एक साथ बाइक खरीदने जा रहे हैं।
अनदेखी चिंगारी से लगी आग
कैंट रेलवे स्टेशन पर शुक्रवार रात लगभग डेढ़ बजे धधकी ‘अनदेखी की चिंगारी’ में 203 बाइकें जलकर नष्ट हो गईं। कर्मचारियों की वाहन पार्किंग में खड़ी अधिकांश बाइक में पेट्रोल होने का कारण आग बुझाने में अग्निशमन विभाग को ढाई घंटे से अधिक समय लग गया। तीन घंटे के अंतराल पर दूसरी बार लगी आग बेकाबू हुई।
कैंट स्टेशन के कर्मचारी पार्किंग में जली पड़ी गाड़ियों के बीच जाकर प्रदर्शन करते कर्मचारी।
एडीआरएम लालजी चौधरी ने आज की सटीक वजह जानने के लिए चार अधिकारियों की टीम गठित की है। जीआरपी एसपी अभिषेक यादव ने स्थिति का जायजा लिया।