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चित्रकूट धाम को पौराणिक और ऐतिहासिक पहचान दिलाने के लिए प्रतिबद्ध : सीएम योगी

चित्रकूट. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मां मंदाकिनी की पूजा की और आरती में शामिल हुए।मुख्यमंत्री ने रामघाट पर ही जनता को संबोधित किया है। उन्होंने कहा- यह मेरा सौभाग्य है, कि आज मुझे सनातन हिंदू धर्म के इस पावन तीर्थ में आने का अवसर प्राप्त हुआ है। ये सनातन धर्म का पौराणिक तीर्थ है। प्रभु राम में वनवास काल में सर्वाधिक समय चित्रकूट में व्यतीत किया था। अति प्रचीन काल से ही ऋषि-मुनियों ने और अनेक तपोनिष्ठ संतो ने इसी चित्रकूट धाम में रहकर अपनी आध्यात्मिक साधना को एक नई ऊंचाई प्रदान की थी।आज हमारा सौभाग्य है कि इस चित्रकूट के लिए कुछ करने का सौभाग्य हमारी डबल इंजन की भाजपा सरकार को पूज्य संतों के सान्निध्य में प्राप्त हुआ है। आज मैं मध्याह्न में चित्रकूट धाम पहुंचा हूं। जनप्रतिनिधियों और पदाधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक के बाद एक दो कार्यों के निरीक्षण किया। इसके बाद यहां रामगंगा घाट पर मां मंदाकिनी की सान्निध्य में पूजन और दर्शन करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे बताते हुए प्रशंसा है की चित्रकूट धाम को उसकी पौराणिक और ऐतिहासिक पहचान दिलाने के लिए हमारी सरकार पूरी प्रतिबद्ध है। यहां पर मां मंदाकिनी की स्वच्छता और अविरलता को लेकर के प्रयास हो या रामघाट के सुंदरीकरण को लेकर सरकार ने पहले से ही पैसा उपलब्ध करा दिया है।चित्रकूट न केवल आध्यात्मिक, सांस्कृतिक विकास के नए सोपान को छुए बल्कि भौतिक विकास के अच्छे कार्य भी यहां हों। देश और दुनिया की कनेक्टिविटी अच्छी हो। एयरपोर्ट यहां बनकर तैयार है।

अभी 19 सीटर विमान यहां पर हफ्ते में चार दिन आता है। हम उस एयरपोर्ट को लंबा बना रहे हैं, ताकि बड़े विमान यहां उतर सकें। दिल्ली, लखनऊ और अयोध्या, वाराणसी से और देश के अन्य भागों से वायु सेवा सीधे चित्रकूट से जुड़ेगी। अनुमान करिए कभी भगवान राम पुष्पक विमान से आए होंगे हजारों वर्ष पहले। लंका पर विजय प्राप्त करने के बाद। हजारों वर्षों के बाद अब चित्रकूट वासियों को मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश वासियों को एक साथ इस ऐतिहासिक स्थल से वायु सेवा का आनन्द प्राप्त होगा।मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां पर बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे का लिंक एक्सप्रेस वे के लिए हम लोगों ने 1300 करोड़ रुपए सैक्शन किए हैं और वह कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है।

 

जमीन अधिग्रहण चल रहा है। चित्रकूट के बाइपास का निर्माण हो या फिर चित्रकूट से जुड़े उन पौराणिक और ऐतिहासिक स्थलों चाहे वह लालापुर भगवान महर्षि वाल्मिकी जी की पावन जन्मस्थली के सुंदरीकरण और उसका पुनरुद्धार के कार्य को आगे बढ़ाने का कार्य हो। संत तुलसीदास जी के पावन जन्मस्थली की सुरक्षा और सुंदरीकरण के कार्यक्रम को हमारी सरकार आगे बढ़ा रही है। यमुना नदी से तुलसीदास जी के जन्मस्थली के लिए भी पुख्ता व्यवस्था की जा रही है।

 

मुझे बताते हुए प्रसन्नता है कि पिछले ही वर्ष हमारी सरकार ने जगदगुरु रामभद्राचार्य विश्वविद्यालय जो जगदगुरु रामानंदाचार्य, पूज्य गुरु रामभद्राचार्य जी के द्वारा स्थापित किया गया है। उसका राजकीय करण किया है। अब इसमें सरकार के स्तर पर कुछ नए पाठ्यक्रम भी हम शामिल करेंगें, जिसमें दिव्यांग बच्चों के साथ साथ सामान्य बच्चों के पढ़ाई की भी उत्तम व्यवस्था की जा सके। अच्छी सुविधा यहां प्राप्त हो सके।डिफेंस कॉरिडोर इंडस्ट्रियल कॉरिडोर पवित्र कामद गिरी परिक्रमा के लिए इसके अलावा यहां पर आध्यात्मिक और धार्मिक पर्यटन के साथ साथ यहां की ईको टूरिज्म की भी एक बेहतरीन सेंटर के रूप में हम विकसित कर सकें।

 

इसके लिए रानीपुर के टाइगर रिजर्व को बी हम अच्छे ढंग से आगे बढ़ाना चाहते हैं। आज मैं चित्रकूट आ रहा था तो देखा कि मंदाकिनी नदी पर एक पुल है बहुत पुराना है। मैंने उसके लिए एक नया पुल भी बनने को स्वीकृत करने की घोषणा की है।इसके अलावा यहां की अन्य सड़कों के कार्यों को भी हम लोगों ने प्राथमिकता के आधार पर लिया है। आज मैं खासतौर पर यहां मंदाकिनी के तट पर भगवान राम ने जहां पर संत तुलसीदास को दर्शन दिया था। इस पवित्र घाट पर दर्शन पूजन करने आया हूं। मुझे विश्वास है की बहुत शीघ्र चित्रकूट को बहुत कुछ यहां के भौतिक विकास के लिए और अध्यात्मिक उन्नयन के लिए प्राप्त होगा।

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