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गाजीपुर: 8 सालों से लोगों को दर्द दे रहे 3 मकान, कोर्ट के आदेश से हरकत में अधिकारी, चलेगा बुलडोजर!

त्तर प्रदेश के गाजीपुर में नगर पालिका इलाके के झंडातर मोहल्ले में तीन मकानों पर सरकारी बुलडोजर चल सकता है. 8 वर्षों से ये तीन मकान पूरे मोहल्ले के लिए परेशानी का सबब बने हुए हैं. इन मकानों की वजह से लोग इतने परेशान हुए कि कोर्ट का दरवाजा तक खटखटा दिया. दरअसल, इन तीनों मकानों का निर्माण अवैध जमीन पर किया गया है. इन्हें नाले के ऊपर बनाया गया है जिसकी वजह से पूरे मोहल्ले का पानी नहीं निकल पा रहा था. ऐसे में पूरा मोहल्ला झील में तबदील हो जा रहा था.

स्थानीय लोगों ने इस परेशानी को लेकर सरकारी अधिकारियों के चौखट पर खूब चक्कर काटे लेकिन अधिकारियों ने एक न सुनी. परेशानी को अनदेखा किए जाने के बाद लोगों ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और अब कोर्ट के निर्देश पर नगरपालिका इस समस्या का निदान करने जा रही है. नगरपालिका ने इन तीनों मकानों पर लाल निशान लगा दिया है, जिसका मतलब है कि इन मकानों पर बुलडोजर चलाया जा सकता है.

मामला गाजिपुर के झंडातर मोहल्ले का है. पिछले 8 वर्षों से यहां के लोगों के लिए नासूर बना सुमित्रा देवी सहित तीन लोगों का अतिक्रमण वाले मकान काफी दर्द दे रहा था. इन तीनों लोगों ने नाले पर अवैध रूप से कब्जा कर मकान बना लिया था. इसकी वजह से पानी की निकासी नहीं हो पा रही थी. बरसात शुरू होने के बाद से ही पानी पूरे मोहल्ले के लोगों के लिए एक बड़ी समस्या बनी हुई है. अवैध रूप से मकान बनाए जाने की वजह से नाला पूरी तरह से बंद हो चुका है और बारिश का पूरा पानी सड़कों पर और लोगों के घरों में जा रहा है. यह समस्या पिछले 8 सालों से है, लेकिन इस बार यह समस्या काफी गंभीर हो गया.

पानी निकालने के लिए नगरपालिका अब तक लाखों रुपए खर्च भी कर चुकी है. इसके बावजूद समस्या के लिए नगरपालिका ने कोई ठोस उपाय नहीं किया. इसके बाद इस इलाके में रहने वाले अशोक अग्रहरि और श्याम चौधरी ने हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल की. इस पर सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने नगरपालिका से 2019 में दिए गए निर्देश के स्टेटस के बारे में जानकारी मांगा. इस पर नगरपालिका के हाथ पांव फूलने लगे. आनन फानन में नगर पालिका ने कब्जेदारों को नोटिस देकर मकान खाली करने का अल्टीमेटम भी दिया, लेकिन उसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई.

वहीं, एक बार फिर हाईकोर्ट में तारीख पड़ने पर कोर्ट ने ताजा स्टेटस की बात की और 6 नवंबर तक स्टेटस के संबंध में जानकारी मांगी. इस पर अब गाजीपुर की नगरपालिका ने तकनीकी समिति की टीम बनाकर सर्वे कराया और उस सर्वे के अनुसार 3 मकानों के द्वारा उक्त नाले पर कब्जा पाया गया. इन मकानों को चिन्हित किया गया है. अब उन तीन चिन्हित मकानों पर लाल निशान भी लगा दिया है. स्थानीय लोगों को इस निशान के लगने के बाद उम्मीद जगी है कि आगामी कुछ दिनों में इस समस्या से निजात मिलेगी. इस तरह के निशान लग जाने के बाद विभाग उस मकान को तोड़ने की कार्रवाई करती है. मुख्य रूप से कब्जे वाले तीनों मकान सुमित्रा देवी के अलावा लल्लन अग्रहरि और लालजी प्रजापति के हैं.

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