



शाहजहांपुर में लोगों को लालच देकर खाते खुलवाने के बाद उनसे साइबर ठगी की रकम निकलवाने वाले गिरोह के दस सदस्यों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। उनके पास से 32 पासबुक मिली हैं। इन खातों से 1.55 करोड़ रुपये निकाले गए हैं। इसके अलावा दस चेक और 16 डेबिट कार्ड बरामद हुए हैं। गिरोह का नेटवर्क भारत के 14 राज्यों से जुड़ा है।



मोहल्ला हुसैनपुरा निवासी चंदन की जिला जेल में बिहार के युवक से मुलाकात हुई थी। उसने साइबर ठगी के गिरोह के बारे में बताया था। जेल से बाहर आने के बाद चंदन उससे मिलने गया था। वहां से आने के बाद उसने जिले में अपना गिरोह तैयार कर लिया। वे लोग आर्थिक रूप से कमजोर व अशिक्षित लोगों को दो से पांच हजार रुपये देकर खाता खुलवाकर डेबिट कार्ड, पासबुक अपने पास रख लेते थे।
खाताधारक के नाम से सिम भी जारी करा लेते थे। खाताधारक को बताते थे कि तीन दिन के बाद खाता बंद हो जाएगा। इसके बाद सिम, पासबुक और डेबिट कार्ड दूसरे राज्यों के अपने गिरोह के अन्य सदस्यों को उपलब्ध कराते थे। इन्हीं खातों में साइबर ठगी के रुपये ट्रांसफर कर यूपीआई व डेबिट कार्ड के जरिये रुपये निकालते थे।
जानकारी मिलने पर सीओ सिटी सौम्या पांडेय के नेतृत्व में चौक कोतवाली पुलिस, सर्विलांस व साइबर सेल की टीम ने काम शुरू किया। टीम ने रविवार को चांदापुर चौराहे से गर्रा पुल के पास दबिश देकर मामले का खुलासा किया।