



कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी भारत विरोधी अलगाववादी समूह के नेता बनने की ओर अग्रसर हैं।



इनका एकमात्र लक्ष्य भारत की एकता, अखण्डता और सामाजिक समरसता को छिन्न-भिन्न करके देश को गृह युद्ध की ओर धकेलना है।
राष्ट्र विरोधी नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ गठबंधन करने वाली और पिछड़ों के आरक्षण में सेंधमारी कर उसका बड़ा हिस्सा मुसलमानों को सौंपने वाली कांग्रेस के युवराज अब देश से आरक्षण को समाप्त करने का कुचक्र रच रहे हैं।
किंतु, राहुल गांधी को समझ लेना चाहिए कि इस देश में जब तक भाजपा का एक भी कार्यकर्ता है, उनकी यह विभाजनकारी मंशा सफल नहीं होने पाएगी। ‘हम भारत के लोग’ कांग्रेस सहित सभी राष्ट्र विरोधी ताकतों के विरुद्ध एकजुट हैं।
आदरणीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व और मार्गदर्शन में NDA सरकार शोषित, पीड़ित और वंचित के उत्थान के लिए कृतसंकल्पित है।
राहुल गांधी द्वारा देश में विभाजन के बीज रोपने का प्रयास निंदनीय है। उन्हें इसके लिए देश वासियों से माफी मांगनी चाहिए।