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चीन ने पाकिस्‍तान में पहली बार तैनात की अपनी सेना? शहबाज सरकार का आया जवाब, पाकिस्‍तानी सेना की बड़ी शर्मिंदगी

इस्‍लामाबाद: बलूचों और टीटीपी आतंक‍ियों के हमले से बौखलाई चीन की सरकार ने अपनी ‘सेना’ को पहली बार पाकिस्‍तान के अंदर तैनात कर दिया है। बताया जा रहा है कि निजी सुरक्षा कर्मियों के नाम पर चीन ने अपनी सेना को पाकिस्‍तान में अपने सीपीईसी प्रोजेक्‍ट तथा नागरिकों की सुरक्षा के लिए तैनात किया है। चीन ने हाल ही पाकिस्‍तान की सरकार के साथ एक समझौता किया है कि ताकि सीपीईसी प्रोजेक्‍ट में लगे इंजीनियरों और वर्कर्स को सुरक्षा मुहैया कराया जा सके। भारतीय मीडिया में इस बड़े खुलासे के बाद पाकिस्‍तान की सरकार जवाब आया है। पाकिस्‍तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्‍ता ने चीनी सैनिकों की तैनाती की खबर को फेक न्‍यूज करार दिया है।

पाकिस्‍तान सरकार ने कहा कि वह बलूचिस्‍तान में चीन के सैनिकों की पाकिस्‍तान में तैनाती की खबर को खारिज करता है। यह फेक न्‍यूज है। विश्‍लेषकों का कहना है कि पाकिस्‍तान की सेना ने बलूचों और टीटीपी के खिलाफ दो बार बड़ा अभियान चलाया लेकिन इसके बाद भी वह सुरक्षा मुहैया कराने में फेल रही है। इससे पाकिस्‍तान की सेना की प्रतिष्‍ठा को बड़ा झटका लगा है। वहीं चीनी नागरिकों की सुरक्षा चीन के लिए भी प्रतिष्‍ठा का प्रश्‍न बन गई है। चीन की सेना अब वह हासिल करना चाहती है जो पाकिस्‍तान में वर्षों से पाकिस्‍तानी सेना नहीं कर पाई है।

पाकिस्‍तान में चीनी सेना तैनात करने का प्‍लान

चीन ने अपने सुरक्षाकर्मियों को ऐसे समय पर तैनात किया है जब हाल ही में बलूचों ने उनकी एक बस को उड़ा दिया था और 90 सैनिकों को मारने का दावा किया था। बीएलए की माजिद ब्रिगेड ने पाकिस्‍तान की जाफर एक्‍सप्रेस ट्रेन का अपहरण करके 214 पाकिस्‍तानी सैनिकों को मारने का दावा किया था। बताया जा रहा है कि चीन ने थार कोयला ब्‍लॉक के अंदर अपने प्रोजेक्‍ट की सुरक्षा के लिए तैनात किया है। चीन की तीन निजी सुरक्षा एजेंसियों देवे सिक्‍यॉरिटी फ्रंट‍ियर सर्विस ग्रुप, चीन ओवरसीज ग्रुप और हुआशिन झोंगशान सिक्‍यॉरिटी सर्विस को यह जिम्‍मेदारी दी गई है।

सिंध प्रांत में चीन के 60 सुरक्षाकर्मी तैनात भी कर दिए गए हैं। पाकिस्‍तान के अंदर 30 हजार चीनी नागरिक काम कर रहे हैं। इन नागरिकों की सुरक्षा का पहला घेरा अब चीनी सुरक्षाकर्मियों के पास होगा। इसके जरिए यह सुनिश्चित किया जाएगा कि चीनी नागरिकों का बाहर के लोगों से कम से कम संपर्क हो। चीन ने पहले पाकिस्‍तान पर दबाव डाला था कि वह सेना पीएलए की एक यूनिट को अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए तैनात करने दे। पाकिस्‍तान ने जब बेइज्‍जती के डर से इसे खारिज कर दिया तो चीन ने निजी सुरक्षाकर्मी होने के नाम पर अपने सैनिकों को भेजा है। बलूचों और टीटीपी के हमलों में अब तक कई चीनी इंजीनियर मारे जा चुके हैं। ये बलूच चीन के सीपीईसी प्रोजेक्‍ट का बलूचिस्‍तान में कड़ा विरोध कर रहे हैं।

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