



तेहरान: शनिवार 26 अक्तूबर को इजरायल के हवाई हमले ने ईरान की वायु रक्षा प्रणाली की कमजोरियों को सामने ला दिया है। इजरायल ने 100 से ज्यादा लड़ाकू विमानों से ईरान पर हमला बोला था, जिसमें ईरानी सैन्य ठिकानों और मिसाइल निर्माण सुविधाओं को निशाना बनाया गया। हालांकि, ईरान के पास रूस से हासिल एस-300 वायु रक्षा प्रणाली है, लेकिन यह भी इजरायली एफ-35 और एफ-16 के हमले को रोकने में नाकाम रही। यही वजह है कि इजरायल से मुकाबला करने के लिए ईरान रूस ने नया महाशक्तिशाली एयर डिफेंस सिस्टम हासिल करना चाहता है।



ईरान ने Su-35 लड़ाकू विमानों का ऑर्डर दिया है। इसके साथ ही वह S-400 वायु रक्षा प्रणाली हासिल करना चाहता है, ताकि इजरायल की मिसाइलों और वायु सेना का सामना किया जा सके। एस-400 को दुनिया का सबसे अच्छी वायु रक्षा प्रणाली में माना जाता है। रूस ने अपने दोस्त भारत को ये एयर डिफेंस सिस्टम दिया है।
ईरान को अभी करना होगा इंतजार
ब्रिटेन के रॉयल यूनाइटेड सर्विसेज इंस्टीट्यूट में सैन्य विज्ञान टीम में एयरपावर और प्रौद्योगिकी के सीनियर फेलो जस्टिन ब्रोंक ने बिजनेस इनसाइडर से बातचीत में बताया कि ईरान को Su-35s की डिलीवरी में समय लगेगा। इसके साथ ही पायलटों को प्रशिक्षित करने, बुनियादी ढांचा और जमीनी सहायता उपकरण तैयार करने में समय लगेगा। यानी ईरान को इजरायल के खिलाफ क्षमता हासिल करने के लिए अभी इंतजार करना होगा।
ईरान के पास दशकों पुराने जेट
ईऱान की वायु सेना को 1990 के दशक की शुरुआत के बाद से ही नए लड़ाकू जेट नहीं मिले हैं। ऐसे में सुखोई 35 ईरान की पुरानी वायु सेना को आंशिक रूप से उन्नत करने में मदद करेगा। यह ईरान की हवाई क्षेत्र की रक्षा करने की क्षमता में वृद्धि करेगा। हालांकि, इससे क्षेत्र में शक्ति संतुलन नहीं बदलेगा। सऊदी अरब और यूएई जैसे ईरान के प्रतिद्वंद्वियों के पास ईरान की तुलना में कहीं अधिक उन्नत विमान हैं। यही वजह है कि ईरान को अभी भी ड्रोन और बैलिस्टिक मिसाइलों पर निर्भर रहना होगा।
ईरान के पास एस-300 वायु रक्षा प्रणाली
ईरान के पास अभी रूस से हासिल की गई एस-300 वायु रक्षा प्रणाली है, लेकिन शनिवार के इजरायली हवाई हमले ने ये साबित कर दिया है कि यह काफी नहीं है। भारत में इजरायली राजदूत ने रुवेन अजार ने एक इंटरव्यू में कहा था कि ईरान के पास एस-300 है, जो इजरायल के एप-35 और एफ-16 को रोक नहीं सकती है। उन्होंने कहा कि तेहरान की सैन्य ताकत बेनकाब हो चुकी है और इजरायल ईरान में कहीं भी हमला कर सकता है।
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