छत्तीसगढ़ से 80 फीसदी नक्सलवाद खत्म, बस कुछ एरिया में ही बचे नक्सली, बस्तर 2.0 का दौर शुरू: डिप्टी सीएम विजय शर्मा

छत्तीसगढ़ के डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने कहा कि नक्सवाद के खात्मे की निर्धारित समय सीमा तक सबकुछ ठीक हो जाएगा.

छत्तीसगढ़ के डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने कहा है कि छत्तीसगढ़ से 80 प्रतिशत नक्सलवाद समाप्त हो चुका है और बस 20 फीसदी ही बचा है. उन्होंने कहा कि अबूझमाड़ के पश्चिम क्षेत्र, बीजापुर और सुकमा जिले के दक्षिण क्षेत्र में नक्सलवाद बचा है. लेकिन अब आप बस्तर में खुली हवा में सांस ले सकते हैं.

‘सब ठीक हो जाएगा’: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के नक्सलवाद के खात्मे की 31 मार्च 2026 की डेडलाइन को लेकर डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने कहा कि निर्धारित समय में आप बस्तर में इंद्रावती नदी के किनारे पर बैठकर चाय पी पाएंगे. तय समय तक सबकुछ ठीक हो जाएगा.

बस्तर 2.0 की चर्चा: डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने कहा कि आने वाला समय ‘बस्तर 2.0’ का होगा. यह एक ऐसा विकास मॉडल है, जो नए बस्तर की पहचान बनेगा.विजय शर्मा ने यह भी कहा कि बस्तर ओलंपिक, बस्तर पंडुम में भाग लेने वाले और देश-दुनिया को समझकर लोकतांत्रिक मूल्यों के साथ काम करने वाले नौजवान बस्तर को संभालेंगे. पंचायत, ग्राम सभा के सशक्तिकरण के जितने भी तरह के कानूनी प्रावधान हैं, उन्हें जल्द लागू किया जाएगा.

 

हमारे पूरे नेतृत्व का मानना है कि बस्तर का जल,जंगल,जमीन सबकुछ बस्तर के लोगों का है. बस्तर से यह आवाज निकलकर आती है कि बस्तर के युवा ही बस्तर को संभालेंगे. युवा यह कहते हैं कि हमारा बस्तर हम संभालेंगे. यह गर्व की बात है-विजय शर्मा, डिप्टी सीएम, छत्तीसगढ़

 

‘सरेंडर करने वालों का स्वागत’: वहीं शुक्रवार को जगदलपुर में नक्सलियों के सरेंडर को डिप्टी सीएम ने बड़ी सफलता बताया. विजय शर्मा ने कहा कि नक्सली चैतू, तेलंगाना के रहने वाले हैं और उन्होंने छत्तीसगढ़ में पुनर्वास किया है. वह दरभा डिवीजन में इंचार्च हुआ करता था. वह 25 लाख का इनामी था. शर्मा ने कहा कि सरकार ने पहले ही स्पष्ट किया है कि जो भी नक्सली मुख्यधारा में लौटना चाहते हैं, वो सरेंडर करें, पुनर्वास करने वाले नक्सलियों की पूरी चिंता सरकार करेगी.

 

डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने यह भी स्पष्ट किया कि जो नक्सली सरेंडर नहीं करते हैं, उनके खिलाफ पूरी ताकत के साथ सर्च ऑपरेशन और एलिमिनेट करने की प्रक्रिया भी लगातार जारी है. शांति बहाल होना चाहिए. बस्तर और पूरे देश से नक्सल समापन की ओर हैं. जो पुनर्वास नहीं करेंगे, उनसे निपटने के लिए सशस्त्र बल तैयार हैं.

 

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