



डायरेक्ट-टू-मोबाइल (D2M) ब्रॉडकास्टिंग टेक्नोलॉजी मोबाइल मार्केट में एक नई क्रांति ला सकती है। इसकी मदद से आप बिना इंटरनेट के भी फीचर फोन में लाइव स्पोर्ट्स, फिल्में और वेब सीरीज देख पाएंगे।



फीचर फोन इस्तेमाल करने वालों के लिए जल्द ही एक नई टेक्नोलॉजी आने वाली है। यह डायरेक्ट-टू-मोबाइल (D2M) ब्रॉडकास्टिंग है। इस फीचर की मदद से बिना इंटरनेट के भी फीचर फोन पर लाइव स्पोर्ट्स, फिल्में और वेब सीरीज देख पाएंगे। यह सुविधा करीब 2,000 से 2,500 रुपये वाले फीचर फोन में मिलेगी। इसके लिए फोन्स में Saankhya Labs के चिपसेट का इस्तेमाल किया जाएगा। यह तकनीक पूरे भारत में लागू होगी। इससे जियो और एयरटेल जैसी टेलीकॉम कंपनियों के रेवेन्यू पर भी असर पड़ सकता है। आइये, इस नई टेक्नोलॉजी के बारे में सब कुछ यहां जानते हैं।
D2M एक ऐसी तकनीक है, जो मोबाइल फोन पर मल्टीमीडिया कंटेंट पहुंचाती है। इसके लिए इंटरनेट की जरूरत नहीं होगी। संचार मंत्रालय ने D2M के कई खास फीचर्स बताए हैं। इसके खास फीचर्स में से एक यह है कि ये है कि यह मोबाइल के लिए ही बनी है और बिना किसी रुकावट के कंटेंट पहुंचाती है। यह हाइब्रिड ब्रॉडकास्टिंग है। इसका मतलब है कि यह टेक्नोलॉजी रियल-टाइम और ऑन-डिमांड कंटेंट भी दे सकती है। साथ ही, इसके साथ इंटरैक्टिव सर्विस मिलना भी संभव हैं।
यह FM रेडियो की तरह ही काम करती है, जहां रिसीवर ट्रांसमिटेड सिग्नल को पकड़ता है। यह डायरेक्ट-टू-होम (DTH) ब्रॉडकास्टिंग जैसा भी है, जिसमें डिश एंटीना सीधे सैटेलाइट से सिग्नल लेता है और उसे सेट-टॉप बॉक्स जैसे रिसीवर तक पहुंचाता है।
डायरेक्ट-टू-मोबाइल (D2M) ब्रॉडकास्टिंग टेक्नोलॉजी की मदद से यूजर्स फीचर फोन पर बिना एक्टिव इंटरनेट कनेक्शन के भी लाइव स्पोर्ट्स, बॉलीवुड फिल्में और OTT कंटेंट देख सकेंगे। दिल्ली और बेंगलुरु में इसके शुरुआती ट्रायल शुरू हो चुके हैं।
लावा और HMD ने 2000 से 2500 के बीच कीमत वाले फीचर फोन बनाए हैं, जो D2M कैपेबिलिटी (ब्रॉडकास्टिंग टेक्नोलॉजी) से लैस हैं। इनमें सांख्य लैब्स के डिजाइन किए गए चिपसेट का इस्तेमाल किया गया है। ये फोन अभी प्रोटोटाइप हैं यानी मार्केट में नहीं आए हैं।
D2M टेक्नोलॉजी पहले से अस्तित्व में है। अभी तक इसका इस्तेमाल सिर्फ इमरजेंसी अलर्ट भेजने और आपदा के समय किया जाता था। सरकार का कहना है कि D2M से सीधे मोबाइल पर जानकारी पहुंचाई जा सकती है, जिससे नेटवर्क पर बोझ नहीं पड़ेगा। आसान भाषा में कहें तो जहां नेटवर्क कमजोर हैं, वहां भी लोग आसानी से फोन में टीवी देख पाएंगे।
इस टेक्नोलॉजी से एयरटेल, जियो जैसे टेलीकॉम कंपनियों को नुकसान हो सकता है, क्योंकि लोग ऑनलाइन कंटेंट देखने के लिए ज्यादा मोबाइल डेटा वाले प्लान से रिचार्ज करते हैं। ये प्लान काफी महंगे होते हैं। वहीं, D2M टेक्नोलॉजी के आने के बाद लोगों को इसके लिए इंटरनेट की जरूरत नहीं होगा। इससे टेलीकॉम कंपनियां के रेवेन्यू पर बुरा असर पहुंच सकता है।
