



जालोर. जालोर जिले के जिले के बागोड़ा थाने में नाबालिग लड़की से रेप के प्रयास का केस दर्ज नहीं करना एक थानेदार को महंगा पड़ गया. करीब सवा महीने तक दर-दर की ठोकरे खाने के बाद जब पीड़िता का केस दर्ज नहीं हुआ तो उसने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. कोर्ट ने पीड़िता की पीड़ा को सुनकर सख्त कदम उठाया है. कोर्ट ने इस मामले में प्रसंज्ञान लेकर थानाधिकारी अरुण कुमार को आरोपी बनाकर समन जारी किया है. उसे 27 जनवरी को कोर्ट में पेश होने के आदेश दिए गए हैं.



जानकारी के अनुसार यह रेप का यह मामला जालोर जिले के बागोड़ा थाने जुड़ा हुआ है. पीड़िता के साथ 3 दिसंबर 2024 को रेप के प्रयास की घटना हुई थी. पीड़िता की मां ने बागोड़ा थाने में मामला दर्ज कराने के लिए कई बार चक्कर लगाए. लेकिन मामला दर्ज नहीं हुआ. इस पर उसने बीते 27 दिसंबर को जालोर एसपी के सामने पेश होकर शिकायत दी. एसपी ऑफिस से केस दर्ज करने के लिए बागोड़ा थाने भेजा गया. लेकिन उसके बाद भी केस दर्ज नहीं किया गया.
कोर्ट ने एसपी से मांगी तथ्यात्मक रिपोर्ट
ऐसे में पीड़िता ने 4 जनवरी को कोर्ट की शरण लेकर परिवाद पेश किया. 7 जनवरी को कोर्ट ने आदेश जारी करने से पहले एसपी से तथ्यात्मक रिपोर्ट देने के लिए आदेश जारी किया. उसके बाद थानाधिकारी ने 10 जनवरी को मामले में एफआईआर दर्ज की. पॉक्सो कोर्ट ने इसे लापरवाही मानते हुए थानाधिकारी अरुण कुमार को आरोपी बनाया है और समन भेजा है.
सबूतों के आधार पर घटना साबित होती है
पोक्सो कोर्ट के न्यायाधीश भूपेन्द्र कुमार सनाढ्य ने घटना के 38 दिन बाद भी मामला दर्ज नहीं करने को गंभीर अपराध मानते हुए थानाधिकारी अरुण कुमार को आरोपी बनाया है. उन्होंने कहा सबूतों के आधार पर घटना साबित होती है. उसके बावजूद भी थानाधिकारी की ओर से इस तरह का मामला दर्ज नहीं करना गंभीर अपराध है.
पीड़िता की मां के साथ मारपीट की
प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि नाबालिग पीड़िता का पिता और उसके साथी नशा करते थे. पीड़िता की मां ने उनको ऐसा करने से रोका तो उन्होंने उसके साथ मारपीट की थी. इस पर उसने आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज करवाया. इस पर पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. 3 दिसंबर 2024 को आरोपी जमानत पर जेल से छूटकर आए और घर जाकर नाबालिग पीड़िता की मां के साथ मारपीट की थी. उस समय नाबालिग किराना की दुकान पर सामान लेने गई थी.
रास्ते में रोककर रेप का प्रयास किया
पीड़िता के पिता के साथियों ने रास्ते में उसे रोका और उसके साथ दुष्कर्म का प्रयास किया. नाबालिग के चिल्लाने पर उसकी मां दौड़कर गई और उसे बचाया. इसके बाद नाबालिग की मां उसे लेकर थाने पहुंची और रिपोर्ट दी. लेकिन थानाधिकारी ने मामला दर्ज नहीं किया. आरोपियों के खिलाफ जब कोई कार्रवाई नहीं हुई और वह पीड़िता और उसकी मां को धमकाने लगे. आरोपी नाबालिग के स्कूल जाते समय उसे परेशान करने लगे.