



मध्य प्रदेश में रिश्वतखोरी के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। आए दिन कोई न कोई भ्रष्ट अधिकारी-कर्मचारी रिश्वत लेते लोकायुक्त के हाथों पकड़ा जाता है। ऐसा ही एक मामला राजधानी भोपाल से सामने आया है। जहां बाबू को लोकायुक्त ने 1 लाख रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा है।



शिकायतकर्ता उषा दाभीरकर ने बताया कि वह सहायक ग्रेड 2 वाणिज्य कर कार्यालय छिंदवाड़ा में पदस्थ हैं। उनसे जीवन लाल बरार जाति प्रमाण पत्र की जांच के लिए 5 लाख रुपए की रिश्वत मांग रहा था।
5 लाख रूपए की रिश्वत मांगी
जीवन लाल बरार ने शिकायतकर्ता को बचाने के लिए 5 लाख रूपए की मांग की। साथ ही आश्वासन दिया कि वह जांच पत्र को अधिकारियों के पास नहीं पहुंचाएगा, लेकिन इसके लिए वह रिश्वत लेगा। जिस पर ऊषा ने रिश्वत की रकम कम करने के लिए कहा, लेकिन जीवन लाल बरार मानने को तैयार नहीं था। जिसके बाद महिला ने परेशान होकर जबलपुर लोकायुक्त में शिकायत कर दी। मामला जांच में सही पाया गया तो एसपी ने टीम गठित की।
1 लाख की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा
जबलपुर लोकायुक्त ने भोपाल में पहली किस्त के रूप में 1 लाख रुपए लेते जीवन लाल बरार को रंगे हाथों पकड़ा। लोकायुक्त पुलिस ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम1988 (संशोधन) 2018 की धारा 7,13 (1) B ,13 (2) के अंतर्गत कार्रवाई की जा रही है।
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