



मध्यप्रदेश में रिश्वतखोर अधिकारी-कर्मचारियों पर कार्रवाई का सिलसिला लगातार जारी है। लगभग हर दूसरे दिन कहीं न कहीं लोकायुक्त रिश्वतखोर अधिकारी-कर्मचारियों को रिश्वत लेते हुए रंगेहाथों पकड़ रही है लेकिन इसके बावजूद रिश्वतखोर बाज आते नजर नहीं आ रहे हैं। ताजा मामला मध्यप्रदेश के भिंड जिले का है जहां एक रिश्वतखोर पटवारी को लोकायुक्त की टीम ने एक मिठाई की दुकान पर रिश्वत लेते हुए रंगेहाथों पकड़ा है।



पटवारी ने मांगी 8 हजार रूपये रिश्वत
भिंड जिले के ऐनो गांव के किसान पूरन गुर्जर ने बताया कि उसके ताऊ देवीसिंह गुर्जर के निधन के बाद 1.6 बीघा जमीन का फौती नामांतरण होना था। हल्का पटवारी शिवशरण सिंह नरवरिया से जब नामांतरण के लिए कहा तो उसने 8 हजार रुपए मांगे। पटवारी को दो किश्तों में पैसा देने की बात तय हुई थी। छह महीने पूर्व पटवारी को 4500 रुपए दे दिए थे। उसके बाद पटवारी नरवरिया ने कहा कि जब काम हो जाए तब बाकी का पैसा दे देना, लेकिन इसके बावजूद वह नामांतरण नहीं कर रहा था। पूरन ने जब पटवारी से नामांतरण करने पर जोर दिया, तब उसने शेष रुपए मांगे।
लोकायुक्त से की शिकायत
पैसे लेने के बाद भी काम न करने पर किसान पूरन गुर्जर ने लोकायुक्त कार्यालय ग्वालियर में पटवारी शिवशरण सिंह नरवरिया के खिलाफ रिश्वत मांगने की शिकायत दर्ज कराई। शिकायत के बाद पटवारी और किसान के बीच मोबाइल पर हुई बात को ट्रैप किया गया और लोकायुक्त टीम ने रिश्वत 3500 रूपये देने पटवारी के पास भेजा। पटवारी शिवशरण ने किसान पूरन गुर्जर को गोहद चौराहा स्थित एक मिठाई की दुकान पर रिश्वत देने के लिए बुलाया और जैसे ही रिश्वत के पैसे लिए तो लोकायुक्त की टीम ने उसे रंगेहाथों पकड़ लिया।